आपने हमेशा ऐसा सुना होगा कि कोर्ट में किसी कैदी को मौत की सजा सुनाने के बाद जज उस कलम की नोक को तोड़ दिया करते हैं, जिससे उसके मौत के दस्तावेदों पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। बता दें कि ऐसा भारत में आज से नहीं बल्कि ब्रिटिश काल से चला आ रहा है। लेकिन इसके पीछे की वजह काफी कम लोग जानते हैं। आइए आपको बताते हैं कि ऐसा करने के पीछे क्या वजह होती हैं।
1 किसी कैदी को मौत की सजा सुनाने के बाद जज के कलम की नोक को तोड़ने के पीछे कई वजह हैं। दरअसल नोक तोड़ना एक सिम्बॉलिक कार्य होता है। ऐसा करने से यह पता चलता है कि जिस कलम का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति से उसके जीने का हक छीन लिया जाता है, उस कलम का इस्तेमाल कभी दोबारा नहीं किया जाएगा।
2 जज के ऐसा करने के पीछे का एक कारण यह भी हैं कि ऐसा करने से वह अपने आपको इस गुनाह से मुक्त करते हैं कि उन्होंने किसी आदमी की जिंदगी को खत्म कर दिया है। भारत में ब्रिटिश शासन के समय से इस शासन का पालन हो रहा हैं।
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3 एक जज के पास यह अधिकार नहीं होता कि उसके द्वारा लिखा और साइन किए हुए आदेश को कोई अस्वीकृत करें। इसलिए पेन की निब को तोड़ दिया जाता है, ताकि बार बार जज को अपना आदेश ना बदलना पड़े।
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4 काफी पुरानी कहावत है कि किसी को मौत की सजा सुनाना या देना काफी दुखद सजा होती हैं, लेकिन इसे देना कभी जरूरी भी हो जाता है। इस दुख को जज कलम की नोक को तोड़कर जताता हैं।