देश में कई प्रतिभाएं ऐसी भी हैं जिनके पास ज्यादा किताबी ज्ञान भले ही न हो, लेकिन उनके पास कोई न कोई विशेष हुनर अवश्य है। यही हुनर उनके सामने बड़े से बड़े इंजीनियरों को भी फेल कर देने में सक्षम है। कुछ ऐसा ही कारनामा असम के धेमाजी जिले में एक वेल्डर ने कर दिखाया है। इस वेल्डर ने अपने घर में एक खुफिया प्रोजेक्ट रूम में एक हेलिकॉप्टर ही तैयार कर दिखाया। इस बात की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र के लोग भी हैरान रह गए।
किसी भी चीज को सीखने का जज्बा अगर हो तो हर काम आसान हो जाता है। किसी भी काम को करने के लिए बड़े-बड़े कोर्सों के अलावा अनुभव बेहद जरूरी होता है। कई बार बड़ी से बड़ी डिग्री होने पर भी लोग कोई बड़ा काम नहीं कर पाते, क्योंकि यह डिग्रियां किसी भी काम को करने का मात्र एक माध्यम ही हैं। वहीं, इन डिग्रियों के न होने पर भी मात्र अनुभव से ही बड़े से बड़ा काम किया जा सकता है। असम में एक वेल्डर ने डिग्रियों के न होने पर भी एक ऐसा काम कर दिखाया जिसे जानकर आस-पास के लोग हैरान रह गए।
असम के जिले धेमाजी में रहने वाले वेल्डर सागर प्रसाद शर्मा ने अपने ही घर में एक हेलिकॉप्टर तैयार कर दिखाया। उन्होंने इस हेलिकॉप्टर का नाम पवन पुत्र दिया है। सागर को यह हेलिकॉप्टर तैयार करने में तीन वर्षों का समय लगा। आपको बता दें कि इस हेलिकॉप्टर को तैयार करने वाले सागर मात्र तीसरी कक्षा तक ही पढ़े हुए हैं। सागर ने इस हेलिकॉप्टर को बनाने के लिए एक लोकल तकनीक की मदद ली है। इस हेलिकॉप्टर को बनाने के लिए सागर ने अपनी पत्नी जॉनी मयंक की भी मदद ली। इसको बनाने के लिए सागर और उसकी पत्नी ने अपने घर में ही एक प्रोजेक्ट रूम तैयार किया था। जिसमें वह दिन रात मेहनत करके इसे पिछले तीन वर्षों से बना रहे थे।
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इस हेलिकॉप्टर का काम नब्बे प्रतिशत पूरा होने के बाद ही सागर ने इसे सबके सामने पेश किया। इस हेलिकॉप्टर को तैयार करने के लिए सागर ने अभी तक करीब दस लाख रुपए खर्च कर दिए है। हेलिकॉप्टर के बनने की सूचना जब लोगों को पता चली तो पहले किसी ने विश्वास ही नहीं किया, लेकिन बाद में जब सभी ने हेलिकॉप्टर को देखा तो हैरान रह गए। अब सागर का यह हेलिकॉप्टर लोगों के लिए कोतुहल का विषय बना हुआ है।