वैसे तो हमारे देश में भगवान शिव के बहुत से मंदिर हैं, पर यह एकमात्र ऐसा मंदिर हैं जो भगवान शिव के प्रिय आभूषण नागों पर टिका हुआ है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जानकारी दे रहें हैं जो नाग के फण पर स्थित है। यह करीब 5 हजार वर्ष पुराना मंदिर हैं, पर आज भी इसकी शोभा देखते ही बनती है। इस मंदिर के बारे में एक पौराणिक कथा भी है जो इसकी प्राचीनता तथा भव्यता का वर्णन करती है।
आपको बता दें कि इस प्राचीन मंदिर का नाम वास्थान जी महादेव मंदिर है। यह मंदिर राजस्थान के माउण्ट आबू से 65 किमी की दूरी पर स्थित है। मान्यता है कि जब इस मंदिर का निर्माण हुआ था तो इस स्थान पर सभी देव शक्तियों का आवाह्न किया गया था। अतः इस मंदिर को पूर्ण मंदिर भी माना जाता है तथा सभी देव शक्तियों का निवास स्थान बताया जाता है। इस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि जहां पूजा पाठ के क्रम में भगवान विष्णु की उपासना पहले की जाती है। वहीं इस मंदिर में सबसे पहले भगवान शिव का पूजन किया जाता है।
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इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि जो व्यक्ति सभी स्थानों से निराश हो चुका है। यदि वह यहां आकर भगवान से मदद मांगता है तो भगवान उसकी मदद जरूर करते है। यहां पर दर्शन करने वाले लोगों को भगवान शिव तथा विष्णु का सयुंक्त आशीर्वाद मिलता है। आपको बता दें कि राजस्थान के माउंट आबू स्थान को अर्ध काशी माना गया है। माउन्ट आबू के अचलगढ़, वास्थान जी के सयुंक्त क्षेत्र में 108 शिव मंदिर स्थित हैं। यही कारण है कि काशी के बाद में यह स्थान ही भगवान शिव की उपासना का सबसे बड़ा केंद्र माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार इस स्थान पर एक बार भगवान शिव ने सभी देवी देवताओं को बुलाया था। इस कारण पृथ्वी का बोझ ज्यादा हो गया था तब भगवान शिव ने अपने नाग से कहकर इस भूमि को उसके फन पर उठवा दिया था। आज भी यह मंदिर सांप के एक फन पर स्थित है। आप कभी राजस्थान की सैर पर जाएं तो इस मंदिर को देखना न भूलें।