भगवान शिव का जलाभिषेक करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है पर जिस स्थान के बारे में आज हम आपको यहां जानकारी दे रहें हैं। उस स्थान पर प्रकृति 12 महीने भगवान शिव का जलाभिषेक करती है। यही इस स्थान की एक बड़ी खूबी है। ,इसके अलावा यह स्थान इतना सौंदर्यवान है की यहां आकर आपको वापस जाने का मन नहीं करेगा। प्रकृति के सौंदर्य के बीच स्थित इस स्थान का नाम तुलार गुफा है। यह स्थान छत्तीसगढ़ के बस्त के दंतेबाड़ा आता है। दंतेबाड़ा को एक शक्तिपीठ माना जाता है। यहां से ही 35 किमी की जंगली यात्रा के बाद आता है भगवान शिव का यह दिव्य धाम। शिवरात्रि के पावन पर्व पर भक्तगण यहां भारी संख्या में आते हैं। इस यात्रा की शुरुआत भक्तगण सुबह से ही शुरू कर देते हैं। रास्ते की पथरीली पखडंडियों तथा इंद्रावती नदी को पार कर इस स्थान पर पहुंचा जाता है।
इस प्रकार से पहुंचते हैं तुलार गुफा –
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यहां पहुंचने के लिए दंतेबाड़ा के गीदम नगर से आपको बस लेनी होती है जो की आपकों बारसूर तक लेकर जाती है। बारसूर में आप जरुरत का सामान लेकर आप को आगे की यात्रा करनी होती है। बारसूर से करीब 5 किमी दूर पर मुचनार गांव स्थित है। इसी गांव में इंद्रावती नदी के 2 तट हैं। इन घाटों को पार करने के बाद ही आप तुलार गुफा पहुंचते हैं। यह स्थान परफ सौंदर्यपूर्ण है। यहां से आपको जानें का मन ही नहीं करेगा। इस गुफा में जहां शिवलिंग है वहां पर चट्टानों से 12 माह पानी रिसता रहता है और शिवलिंग पर जलाभिषेक होता रहता है। यह बस्तर की एक मात्र ऐसी जगह है जहां पर प्रकृति शिवलिंग का 12 माह जलाभिषेक करती है।