विश्व के इतिहास में आज के दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई थीं, लेकिन भारत के इतिहास के पन्नों में आज का दिन बेहद खास माना जाता है। सन् 1861 में आज ही के दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू का आगरा में जन्म हुआ था। वो कश्मीरी ब्राह्मण थे और पेशे से इलाहाबाद के मशहूर वकील रहे। वे राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता माने जाते थे।
जीवन और शिक्षा-
Image Source :https://upload.wikimedia.org/
मोतीलाल नेहरू ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने देश के लिए अपनी शानोशौकत को ताख पर रख कर अपनी पूरी जिंदगी न्योछावर कर दी थी। मोतीलाल नेहरू के माता-पिता का नाम गंगाधर और जीवारानी नेहरू था। आपको बता दें कि मोतीलाल नेहरू पश्चिमी ढंग की शिक्षा पाने वाले गिने-चुने भारतीयों में से एक थे। उन्होंने इलाहाबाद के म्योर सेण्ट्रल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की थी, लेकिन वो बी.ए. की आखिरी परीक्षा नहीं दे पाए। इसके बाद कैम्ब्रिज से ‘बार एट लॉ’ से लॉ की शिक्षा लेकर अंग्रेजी न्यायालयों में वकील के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की। इनकी पत्नी का नाम स्वरूप रानी था। बच्चों में दो बेटियां और एकमात्र पुत्र जवाहरलाल नेहरू थे।
राजनीतिक करियर-
Image Source :http://a5.files.biography.com/
पंडित मोतीलाल ने वकालत की थी, जिसके चलते उनकी कानून की पकड़ मजबूत थी। ‘साइमन कमीशन’ के विरोध में सन् 1927 में एक समिति बनाई गई, जिसकी अध्यक्षता मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व में की गई। इसी के साथ उन्हें भारत का संविधान बनाने का प्रभार भी सौंपा गया। इस समिति को ‘नेहरू रिपोर्ट’ का नाम दिया गया। बाद में उन्होंने वकालत छोड़ स्वतन्त्रता संग्राम के कार्यों में हिस्सा लिया और 1923 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर अपनी स्वराज पार्टी की स्थापना की। आपको बता दें कि मोतीलाल नेहरू ने भारतीय लोगों के विचार को सामने लाने के लिए ‘इंडिपेंडेंट अखबार’ भी शुरू किया था।
मोतीलाल नेहरू पश्चिमी रहन-सहन, विचारों और वेषभूषा से काफी प्रभावित थे, लेकिन बाद में महात्मा गांधी के संपर्क में आने से उनके अंदर परिवर्तन आया गया था। वो वकील के तौर पर उस जमाने में हजारों रुपये की फीस लिया करते थे। वह गरीबों की मदद करने में पीछे नहीं रहते थे।