काशी को दुनिया का सबसे प्राचीन नगर माना जाता है और हालही में यहां एक ऐसी हजारों साल पुरानी किताब मिली है जिसके मंत्रों से कोई भी बीमारी सही हो सकती है। जी हां, हालही में यह किताब मिली है जो की वर्षों पुरानी और प्राचीन है, यह एक मंत्रों की किताब है और कहा जा रहा है कि इस किताब के मंत्रों से कोई भी बीमारी सही हो सकती है। वर्तमान समय की बात करें तो आज विज्ञान का समय है और लगभग हर बीमारी का इलाज है, पर प्राचीन समय में किसी भी बीमारी का इलाज करने के लिए अन्य उपायों के जैसे ही एक उपाय “मंत्र विज्ञान” भी था और उसी की पाण्डुलिपि वर्तमान समय में दुनिया के प्राचीन नगर काशी में मिली हैं। बीएचयू न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. वीएन मिश्रा ने प्राचीन समय में इलाज के बारे में जानने के लिए इस पांडुलिपियों का अध्धयन किया है और उन्होंने पाया है कि प्राचीनकाल में कई बीमारियों का इलाज मंत्रों के माध्यम से किया जाता था। इस पुस्तक की लिपि श्लोकों की शैली में हैं और यह पुस्तक करीब 250 वर्ष पुरानी मानी जा रही है।
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जानकारी के लिए आपको हम यह भी बता दें कि यह पाण्डुलिपि डॉ मिश्रा के कबाड़ से मिली है। असल में उनके घर से 400 वर्ष पुरानी तुलसीदास जी की एक पाण्डुलिपि गायब हो गई थी और उसकी को ढूंढते हुए यह पाण्डुलिपि उनको मिली है जिसमें बहुत सी बीमारियों को खत्म करने के मंत्र लिखें हुए हैं।