देखा जाये तो आज लगभग हर देश सोलर ऊर्जा पर काम कर रहे हैं, क्योंकि इससे कई प्रकार के लाभ हैं। वातावरण के प्रदूषित होने का खतरा नहीं रहता और इसमें कोई खर्च भी नहीं आता है। इस ऊर्जा के ख़त्म होने के भी कोई आसार दूर-दूर तक नहीं हैं। आज मार्केट में ऐसे बहुत से उपकरण आ गये हैं जो सौर ऊर्जा से ही चलते हैं। यह सस्ते होने के साथ-साथ स्थायी भी होते हैं। इसलिए आज लगातार बाजार में इनकी मांग बढ़ रही है। सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों की खूबियां और बढ़ती मांग को देख कर अब वैज्ञानिक और भी बड़ी वस्तुओं के निर्माण में लग गए हैं जो सौर ऊर्जा से ही संचालित होंगी।
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हाल ही की बात करें तो स्टेनफ़ॉर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मानव की इस कल्पना को पंख दे दिए हैं। इन लोगों ने एक ऐसी कार को डिजाइन किया है जो बिना किसी ईंधन के सिर्फ सौर ऊर्जा से ही चलेगी। इस कार को इन छात्रों ने बहुत मेहनत और शिद्दत से तैयार किया है। अब इस कार को ऑस्ट्रेलिया में जल्द ही होने वाले “वर्ल्ड सोलर चैलेंज” नाम के कार्यक्रम में टेस्ट किया जायेगा।
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जानकारी के लिए बता दें कि “वर्ल्ड सोलर चैलेंज” नाम का यह प्रोग्राम प्रत्येक 2 साल में होता है। इसमें बनाये गये सोलर ऊर्जा से चलने वाले यंत्रों का परीक्षण किया जाता है। इस टेस्ट को ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में किया जाता है, जिसमें 3200 किमी वाहन को चलवा कर टेस्ट किया जाता है।
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कैसी होगी यह कार-
इतना तो आप जान ही गए हैं कि यह कार सौर ऊर्जा से चलने वाली कार है। आइये हम आपको बताते हैं इसकी कुछ और खूबियां। यह कार एक बार सौर ऊर्जा से चार्ज होने के बाद 85 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ती है। इस कार का वजन भी बहुत कम है क्योंकि यह कार्बन फाइबर से बनी हुई है। अभी इस कार को सिर्फ 1 आदमी के बैठने के लिए ही डिजाइन किया गया है। हालांकि इस कार में अभी कई प्रकार की सुविधाओं का आभाव है, पर यह देख कर अच्छा लगता है कि प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दोहन करता मानव अब इन सबके प्रति जागरूक हो रहा है।