एमए की परीक्षा दे रहे इस छात्र के हौसले को सलाम

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हाल ही में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इन परीक्षाओं में ज्यादातर उन परिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया है जो अभी किसी न किसी नौकरी में लगे हुए हैं, लेकिन इन सभी छात्रों के बीच एक ऐसा भी छात्र परीक्षा देने पहुंचा जिसको देखकर सभी के पसीने छूट गए। इसकी वजह यह रही कि इस छात्र की उम्र 97 वर्ष है। इतनी उम्र में जब लोग ज्यादा घर से बाहर जाने तक से परहेज करने लगते हैं, ऐसे में इस परिक्षार्थी के हौसले और पढ़ने की ललक को देखकर सभी हैरान हो गए हैं।

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नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय में इन दिनों सालाना परीक्षाएं चल रही हैं। इस परीक्षा में आने वाला एक छात्र सभी के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी राजकुमार वैश्य 97 वर्ष के होने के बाद भी इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। वह इस परीक्षा में एमए प्रथम वर्ष की परीक्षा देने के लिए बैठ रहे हैं। इनको देखकर परीक्षा में शामिल होने वाले अन्य छात्रों में भी जोश आ जाता है।

राजकुमार वैश्य करीब 39 वर्ष पहले ही अपनी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। इन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई 1938 में ही पूरी कर ली थी, लेकिन इनके मन मे हमेशा से ही एमए की पढ़ाई करने की इच्छा थी। अपनी इच्छा को जब इन्होंने अपने परिवार वालों के सामने रखा तो इनके बेटे ने नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय से अपने पिता को एमए कराने के लिए संपर्क साधा। इसके बाद उन्होंने यहां अपने पिता का दाखिला करवा दिया। एमए अर्थशास्त्र के प्रथम वर्ष की इस परीक्षा में शामिल होने वाले राजकुमार को जिसने भी देखा वो उनके जज्बे को देखकर हैरान हो जाता। इस उम्र में शारीरिक कमजोरी के बाद भी राजकुमार के हौसले बुलंद हैं। बता दें कि वह इस परीक्षा केंद्र पर वॉकर की सहायता से परीक्षा देने पहुंचते हैं।

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