आस्था व स्वास्थ्य से जुड़ा है घर-घर में मौजूद यह पौधा

-

तुलसी एक ऐसा पौधा है जो लगभग प्रत्येक घर में पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पौधे में बहुत से दिव्य गुण हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि तुलसी एक दिव्य औषधी भी है। यानि इसमें बहुत से रोगों को दूर करने की क्षमता है। तुलसी से बहुत से गंभीर रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर तुलसी को हिन्दू संस्कृति में अतिपूजनीय पौधा माना गया है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी को घर के आंगन में लगा देने से घर में रोग प्रवेश नहीं करते और यह हवा को भी शुद्ध बनाने का काम करती है।

भारत के हर हिस्से में तुलसी के पौधे को आप प्रचुर मात्रा में उगता हुआ देख सकते हैं। तुलसी का वानस्पतिक नाम ‘ओसीमम सैन्कटम’ है। तुलसी को अमृता, सुगंधा, वृंदा, वैष्णवी, सुखवल्लरी, विष्णुवल्लभा, श्रीकृष्ण वल्लभा जैसे पवित्र नामों से जाना जाता है। औषधीय गुणों की दृष्टि से रामा व श्यामा तुलसी सर्वश्रेष्ठ है।

बहुत से लोग आज भी अपने रोगों को दूर करने के लिए तुलसी का प्रयोग करते देखे जा सकते हैं। तुलसी से जुड़े ऐसे 10 हर्बल नुस्खों को हम आपके सामने रख रहे हैं जो जीवन के हर मोड़ पर आपकी सहायता करेंगे।

1.किडनी की पथरी-
यदि किसी को भी किडनी में पथरी हो तो उसको तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाया गया काढ़ा शहद के साथ पीना चाहिए। नियमित 6 माह इसका सेवन करने से पथरी मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है। इस प्रकार से तुलसी किडनी की पथरी में उपयोगी साबित हो सकती है।

kidney stoneImage Source: http://drluisfandos.qwriting.qc.cuny.edu/

2.पानी की शुद्धता में-
आज अधिकतर लोग पानी को शुद्ध करने के लिए उसको उबालते हैं या फिर क्लोरीन की टैबलेट का यूज़ करते हैं। पानी की शुद्धता के लिए आप तुलसी के पत्तों का भी उपयोग कर सकते हैं। इस प्रयोग में पानी वाले पात्र में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं। कम से कम एक सवा घंटे पत्तों को पानी में रखा जाता है। फिर कपड़े से पानी को छान लिया जाता है और यह पीने योग्य माना जाता है।

basil use in waterImage Source: http://cdn.instructables.com/

3.त्वचा रोगों में–
बहुत कम लोग जानते हैं कि तुलसी त्वचा रोगों में बेहद उपयोगी होती है। तुलसी के रस में थाइमोल तत्व पाया जाता है, जिससे त्वचा के रोगों में लाभ होता है। हर्बल के जानकारों के अनुसार तुलसी के पत्तों को त्वचा पर रगड़ दिया जाए तो त्वचा पर किसी भी तरह के संक्रमण में आराम मिलता है।

FaceImage Source; https://wallpaperscraft.com

4.दिल की बीमारी में-
दिल की बीमारी में तुलसी एक प्रकार से वरदान साबित होती है। यह खून में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है। जिन्हें दिल की बीमारी हुई हो उन्हें तुलसी के रस का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। तुलसी और हल्दी के पानी का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है। कोई स्वस्थ व्यक्ति भी इसका सेवन कर सकता है।

heart problemImage Source: http://www.biokineticspt.com/

5.चेहरे के सौंदर्य के लिए-
आजकल वैसे तो बहुत सी सौंदर्यवर्धक क्रीम बाजार में बिक रही है, पर उनमें से अधिकतर केमिकल युक्त होती है। साथ ही काफ़ी महंगी भी होती है। आप अपने चहरे के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए तुलसी की पत्तियों का रस निकाल कर उसमें बराबर मात्रा में नींबू का रस मिलाएं। इसे रात को चेहरे पर लगाएं। इससे जहां आपके सौंदर्य में वृद्धि होगी, वहीं चहरे के दाग-धब्बे और कील-मुहांसे भी ख़त्म हो जाएंगे।

Basil Use For faceImage Source: http://hortuscuisine.com/

6.कमजोरी और थकान में उपयोगी-
आप शायद ही यह जानते होंगे कि तुलसी को थकान मिटाने वाली औषधी भी माना जाता है। ज्यादा थकान या तनाव होने पर तुलसी की पत्तियों और मंजरी का सेवन करें थकान दूर हो जाएगी।

tried feelImage Source: http://www.coca.ir/

7.फ्लू में उपयोगी-
फ्लू की समस्या होने पर तुलसी के पत्तों का काढ़ा सेंधा नमक मिलाकर पीने से आराम होता है। गुजरात में आदिवासी हर्बलों के जानकार फ्लू के दौरान बुखार से ग्रस्त रोगी को तुलसी और सेंधा नमक लेने की सलाह देते हैं।

SWINE FLUImage Source: http://dd508hmafkqws.cloudfront.net/

8.माइग्रेन में सहायक-
इसके नियमित सेवन से “क्रोनिक-माइग्रेन” के निवारण में मदद मिलती है। रोजाना दिन में 4- 5 बार तुलसी से 6-8 पत्तियों को चबाने से कुछ ही दिनों में माइग्रेन की समस्या में आराम मिलने लगता है।

migraineImage Source: http://neuromedclinics.com/

9. दूर करता है बांझपन-
शिवलिंगी के बीजों को तुलसी और गुड़ के साथ पीसकर नि:संतान महिला को खिलाया जाए तो उसे जल्द ही संतान सुख मिलता है।

10.घमौरियों के इलाज में-
गर्मियों में घमौरियां निकलना आम बात होती है, लेकिन छोटे बच्चे घमोरी से ज्यादा परेशान रहते हैं। संतरे के छिलकों को छांव में सुखाकर पाउडर बना लें। इसमें थोड़ा तुलसी का पानी और गुलाब जल मिलाकर शरीर पर लगा दें। ऐसा करने से तुरंत आराम मिलता है।

ghamoriaImage Source: http://cdn2.stylecraze.com/

तुलसी को भारत में आमतौर पर उसके संक्रमण रोधक, एंटी फंगल, ज्वर नाशक व कैंसर रोधी गुणों के लिए जाना जाता है| अतः आम भारतीय जड़ी बूटी के रूप में इसका चिकित्सकीय उपयोग करते हैं, किन्तु हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने तुलसी की पूरी तरह से आनुवंशिक पड़ताल की है| उसका जीनोम नक्शा निर्मित किया| इससे अब तुलसी द्वारा नई दवाओं के निर्माण में अत्यधिक मदद मिलेगी। बैंगलुरु स्थित नेशनल सेंटर ऑफ़ बायोलॉजिकल साइंस की एक बहु संस्थागत टीम ने सौदामिनी रामनाथन के नेतृत्व में भारत की इस सदियों पुरानी ज्ञान की धरोहर और उसके औषधीय प्रभाव को लेकर प्रयोगशालाओं में अनुसंधान कार्य किया।

तुलसी के औषधीय उपयोग-
औषधीय गुणों से युक्त तुलसी कफ वात शामक, दुर्गंधनाशक, रक्त शोधक हृदयोत्तेजक, ज्वरध्न, शोथहर, दीपक तथा पाचक के रूप में बहुतायत लोगों द्वारा प्रयोग की जाती है। इसके अतिरिक्त इसका प्रयोग शक्ति वृद्धि, कुष्ठ रोग, दांत दर्द दूर करने, वमन शांत करने करने, अतिसार एवं दस्त, वात व्याधि तथा सभी प्रकार के ज्वरों में भी सफलता पूर्वक किया जाता है। इस प्रकार से देखा जाए तो तुलसी में वात, कफ से लेकर ह्रदय रोगों से लड़ने की शक्ति विद्यमान है। शायद यही कारण है कि भारतवासी इसका उपयोग आदिकाल से करते आ रहे हैं।

इस प्रकार से देखा जाए तो तुलसी छोटे-छोटे रोगों से लेकर बड़े रोगों तक में कारगर है। ऐसे में यह हमारे रोज़मर्रा के जीवन में काफ़ी उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments