खून की बारिश की कई खबरें आपने पढ़ी ही होंगी, पर अपने देश में भी 5 स्थानों पर ऐसी बारिश हो चुकी है। आपको यह बात शायद झूठ लग रही होगी। मगर जब आप हमारी इस खबर को पढ़ेंगे तो इसकी सच्चाई को समझ सकेंगे। हम जिस घटना का जिक्र आपसे कर रहें हैं। उसके गवाह कई मीडिया चैनल बन चुके है। आपको बता दें कि हम बात कर रहें हैं केरल में हुई खून की बारिश की। एक न्यूज़ पेपर “द हिंदू” में 2013 में यह खबर पब्लिश हुई थी कि केरल के आकाश से लाल रंग की बारिश हुई थी। इस बारिश को देख यहां के लोग भी हैरत में पड़ गए थे।
दूसरी और वैज्ञानिकों को भी यह समझ नहीं आ पाया था कि आखिर इस प्रकार की घटना कैसे घटी। वर्तमान में 5 वर्ष बीत जानें के बाद भी यह घटना वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बनी हुई है। वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया था कि यह लाल बारिश प्रदुषण के कारण हुई होगी। इसके बाद यह अफवाह भी फैली की आकाश से बरसने वाला यह महज लाल पानी नहीं है बल्कि इसमें जीवन के भी अंश है। इस बात पर जब वैज्ञानिकों ने रिसर्च की तो उनके हाथ कुछ नहीं लग सका।
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दूसरी बार जब इस लाल पानी की जांच हुई तो वैज्ञानिकों को 6 डीएनए सैंपल मिले। इसके बाद अन्तराष्ट्रीय स्तर पर यह खबर फैल गई तथा कुछ लोगों ने इस घटना को एलियंस से जोड़ लिया। परंतु आजतक यह बात पता नहीं लग सकी कि यह बारिश आखिर क्यों और कैसे हुई थी। आपको यह भी बता दें कि इस प्रकार की खून की बारिश केरल से श्रीलंका के बीच क्षेत्र में 1896 से अब तक कई बार हो चुकी है। खून की बारिश के लाल पानी पर ऑस्ट्रियन वैज्ञानिक ने भी अपनी रिसर्च की थी, इस रिसर्च में उन्होंने यह बताया कि इस प्रकार की बारिश के पीछे शैवाल के जीवाणु हो सकते हैं। इसके बाद रिसर्च का कार्य बंद हो गया क्योंकि इस बारिश के पीछे का वास्तविक कारण किसी को पता नहीं लग सका था। आज भी यह बारिश एक पहेली ही बनी हुई है।