आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं जिसने भूतो का किला कहे जाने वाले राजस्थान के भानगढ़ के किले में पूरी एक रात गुजारी थी और आत्माओं से कई सवाल किये थे, भानगढ़ के किले के बारे में हम आपको सबसे पहले यह बता दें की इस किले को भूतिया किला कहा जाता है और इस किले में लोगों का शाम के बाद जाना बैन है। भारतीय पुरातत्व विभाग ने भी शाम के बाद में इस किले में जाने से मना किया हुआ है और इस बारे में बोर्ड भी किले के रास्ते पर लगाया गया है पर हम जिस व्यक्ति के बारे में आपको बता रहें है उसने इस किले में पूरी रात गुजारी थी और अदृश्य आत्माओं से कई सवाल भी किया थे आइये जानते हैं इस व्यक्ति के बारे में।
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इस व्यक्ति का नाम है गौरव तिवारी, गौरव नाम का यह व्यक्ति पैरानॉर्मल सोसायटी का प्रेजिडेंट था, इस संस्था को गौरव ने खुद ही बनाया था। गौरब पैरानॉर्मल एक्टिविटी पर वैज्ञानिक तरीके से रिसर्च करता था और इसलिए ही गौरव ने कई इस प्रकार की भूतिया जगहों पर अपनी टीम के साथ रिसर्च की थी और इन्ही जगहों में से एक जगह थी भानगढ़ का किला, इस किले के अंदर में गौरव लगभग 5 साल पहले अपनी टीम के साथ में रिसर्च करने के लिए गया था और पूरी रात इस किले में रूक कर उसने रिसर्च की तथा अपने इलेट्रॉनिक इक्विपमेंट से इस जगह पर भूतो का निरिक्षण किया था। हलाकि किसी प्रकार का कोई भूत इस जगह नहीं दिखाई दे रहा था पर गौरव ने अपने इलेट्रॉनिक इक्विपमेंट से वहां उपस्थित आत्माओं से कई सवाल पूछे थे, जिनमे से एक सवाल था की “क्या तांत्रिक सिंधिया यहाँ रहता है” और दूसरा सवाल था “क्या राजकुमारी रत्नावती यहां रहती है”। इस प्रकार के और भी कई सवाल गौरव ने पूछे थे इसके अलावा रात भर इस किले के कोने कोने में जाकर पैरानॉर्मल एक्टिविटी को भी चैक किया परंतु गौरव या उसकी टीम को इस किले में किसी प्रकार की किसी अदृश्य शक्ति का कोई अहसास नहीं हुआ और न ही गौरव को अपने द्वारा पूछे गए किसी सवाल का जबाब मिल सका।
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जानकारी के लिए आपको यह भी बता दें की गौरव तिवारी अपनी फैमली के साथ द्वारिका स्थित एक फ़्लैट में रहते थे और बीती 7 तारीख को वे अपने बाथरूम में मृत पाये गए। उनकी मौत के पीछे के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं पर बहुत लोग उनकी मौत को पैरानॉर्मल शक्तियों से जोड़कर ही देख रहें हैं।