दुखद – आपकी आंखें नम कर देगी मां-बेटे की यह कहानी, जानें इस दुखद घटना को

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माता-पिता को आशा होती है कि बड़े होकर बच्चे उनके सहारे बनेंगे, पर यहां एक मां अपने बच्चे का सहारा पिछले कई वर्षों से बनी हुई है। जी हां, आज हम आपको जिस घटना के बारे में जानकारी दे रहें हैं उसमें एक मां पिछले कई वर्षों से अपने बच्चे का सहारा बनकर दर-दर की ठोकरें खा रहीं है, आइए जानते हैं इस पूरे मामले को।

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अपने तथा बेटे के जीवन के लिए संघर्ष कर रही इस 70 वर्षीय मां का नाम “माता गुरदेव कौर” है, जोकि पंजाब के गांव “कोठा गुरु” की निवासी हैं। इनके लड़के का नाम “बूटा सिंह” है, जोकि 40 वर्ष का है तथा यह कमर तथा पैरों से लाचार है। वर्तमान में माता गुरुदेव कौर अपनी तथा अपने बेटे के पेट की भूख मिटाने के लिए जीवन से संघर्षरत हैं।

गुरुदेव कौर बताती हैं कि उसकी उम्र की अन्य महिलाएं अपने बेटों के सहारे आज अच्छा जीवन बिता रही है और आराम से जीवन बसर कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे खुद अपने बेटे के लिए जिंदगी से जद्दोजहद कर रही हैं। गुरुदेव कौर ने बताया कि जब उसका लड़का महज 4 या 5 वर्ष का था, तब अचानक वह बीमार हो गया और इस बीमारी के कारण वह कमर तथा पैरों से विकलांग हो गया, तभी से गुरूदेव कौर अपने बेटे की सेवा में लगी हैं।

उन्होंने अपने बेटे को कई स्थानों पर दिखाया, पर वह कहीं भी सही नहीं हुआ। गुरुदेव कौर का कहना है कि आज उनको सिर्फ यह चिंता है कि उनके मरने के बाद में उनके लड़के का क्या होगा। वह कहती हैं कि हमें न तो जिला प्रसाशन से कोई मदद मिली है और न ही राज्य सरकार से जबकि राज्य सरकार अन्य कार्यों में काफी पैसा खर्च कर रही है, लेकिन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे पा रही है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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