खुद के शरीर की गर्मी से ही राख हो गए थे ये लोग, जानकर आप भी चौंक जाएंगे

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these people burnt into ashes with the sheer hotness cover

क्या सोच सकते हैं कि आपके शरीर की गर्मी आपको ही जलाकर राख कर सकती है? यदि नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी ही खबर देने जा रहें हैं जिसमें लोग अपने ही शरीर की गर्मी से जलकर राख में तब्दील हो गए थे। आपको यह बात काफी अजीब लग रही होगी पर हम आपको बता दें कि पिछले तीन सौ वर्षों से अब तक दुनिया में इस प्रकार के करीब 200 से ज्यादा केस आ चुके हैं, जिनमें लोग जलकर मर गए है, पर उनके शरीर को किसी बाह्य अग्नि तत्व ने टच तक नहीं किया। इस प्रकार ये ही माना गया है कि ये लोग अपने ही शरीर की गर्मी से जलकर मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। विज्ञान ने इसको “Spontaneous Human Combustion” का नाम दिया है। आज के वैज्ञानिकों का एक पक्ष इस घटना को थ्योरी के रूप से सही मानता है तो दूसरा पक्ष इस घटना को असंभव मानता है।

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इस प्रकार की घटनाओं को लेकर Wick थ्योरी के अनुसार “हल्की आग या किसी अन्य तरीके से ऐसे व्यक्ति के शरीर का कुछ हिस्सा पहले थोड़ा जल जाता है तथा फिर जले स्थान का बॉडी फैट निकल कर कपड़ों पर चिपक जाता है। यह बॉडी फैट और भी ज्यादा आग भड़काने का कार्य करता है। इस प्रकार से ऐसे व्यक्ति के शरीर का कुछ हिस्सा जल जाता है तथा कुछ हिस्सा बच जाता है।”, इस प्रकार की घटनाओं को कुछ लोग Paranormal Activity से भी जोड़ कर देखते हैं जो कि इंसानी समझ से परे है। वैज्ञानिकों का जो पक्ष इस प्रकार की घटनाओं को सही नहीं मानता है उसका कहना है कि एक मानव शरीर को जलाने के लिए 700 से 1000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी चाहिए होती है जो कि इंसानी शरीर में होनी असंभव है।

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आपको हम बता दें कि इस प्रकार का पहला मामला 2 जुलाई 1951 को फलोरिडा में देखने को मिला था। Marry Reeser के घर पर इस दिन उनके शरीर की राख तथा कुछ अवशेष मिले थे। माना जाता है कि वे अपने शरीर की गर्मी से ही जलकर रख हुई थी। इस प्रकार की एक घटना 1980 में साउथ वेल्स में घटित हुई थी। यहां पर 73 वर्षीय Henry Thomas अचानक ही जलकर रख हो गए थे। इस घटना में पुलिए ने Wick थ्योरी को सही माना था। इस प्रकार की मौत का सबसे ताजा मामला दिसंबर 2010 का है। इस मामले में आयरलैंड के माइकल फेहरटी की मौत का कारण Spontaneous Human Combustion को ही माना गया है। इन सभी मामलों के अलावा इस प्रकार ऐसे बहुत से मामले हैं पर अभी तक वैज्ञानिकों को सही से यह नहीं पता लग सका है कि ये घटनाएं आखिर क्यों और कैसे घटित होती है।

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