ताजमहल का नाम सुनते ही प्रत्येक व्यक्ति के मन में आगरा स्थित संगमरमर की उस खूबसूरत इमारत की तस्वीर बन जाती है जो अपनी ख़ूबसूरती के लिए विश्व भर में मशहूर है, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी ही दूसरी इमारत के बारे में जो कहलाती है “दूसरा ताजमहल”। यह दूसरा ताजमहल अपनी ख़ूबसूरती के लिए ही नहीं बल्कि अपनी मजबूती के लिए भी प्रसिद्ध है।
जानकारी के लिए बता दें कि यह “दूसरा ताजमहल” भोपाल के पुराने शहर के शाहजहांनाबाद नामक स्थान में बना है। इसका निर्माण 1871 में “शाहजहां बेगम” ने कराया था, जो उस समय वहां की नवाब थीं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस समय इस विशाल भवन को बनवाने में महज 30 लाख रुपये का खर्च आया था। यह महल 17 एकड़ में फैला है और इसके निर्माण के पूरा होने के बाद इसमें भव्य उत्सव हुआ था जो कि लगातार 3 दिनों तक चला था। इस भवन को बनवाने में मजबूती का खास ध्यान रखा गया था। इसका दरवाजा इतना मजबूत बनाया गया था कि उसको हाथी भी नहीं तोड़ सकता था।
क्या है इस महल की विशेषता –
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यह मुगल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। इसका प्रवेश द्वार अत्यंत खूबसूरत है और इस पर बहुत ही ख़ूबसूरती से नक्काशी की गई है। प्रवेश द्वार बहुत ही विशाल है। आज भी इससे होकर बड़े से बड़ा वाहन निकल सकता है। इस विशाल महल में 120 कमरे और 8 बड़े हॉल मौजूद हैं। हर कमरे में अलग-अलग रंगों का संयोजन किया गया है। इस महल के आंतरिक भवन में “शीश महल” बना हुआ है जो कि रंगीन शीशों से निर्मित किया गया है।
सरकार की योजना –
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मध्य प्रदेश के पर्यटन विकास निगम ने इस इमारत को संरक्षित करने का अहम फैसला लिया है और इस इमारत को इंटरनेशनल हैरिटेज होटल का रूप देने की तैयारी में है। इस प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए खर्च होने की उम्मीद की जा रही है।