आपने देश विदेश की कई ऊंची मीनारों को देखा होगा, पर अपने देश की इस मीनार के बारे में शायद आपने सुना भी नहीं होगा जिसमें भाई-बहन एक साथ नहीं जा सकते हैं। जी हां, यही इस मीनार की खूबी है कि इसमें भाई बहन एक साथ नहीं जा सकते हैं। आज आपको यहां इस मीनार के बारे में ही यहां बताया जा रहा है। वैसे तो दुनिया में कई ऐसे स्थान मौजूद हैं जो अपनी बनावट को लेकर काफी चर्चित हैं। यदि आप भी ऐसे ही स्थानों को देखने का शौंक रखते हैं तो आपको इस मीनार के बारे में जरूर जानना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में स्थित है यह “लंका मीनार”
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आपको बता दें कि यह मीनार अपने देश के उत्तर प्रदेश के जालौन में स्थित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मीनार को लंकापति रावण की याद में निर्मित कराया गया था। यही कारण है कि इस मीनार का नाम “लंका” रखा गया है। लंका नामक इस मीनार को लोग “लंका मीनार” के नाम से जानते हैं। 210 फिट की ऊंचाई वाली इस मीनार के अंदर रावण को उसके पूरे परिवार सहित दर्शाया गया है। इस मीनार को निर्मित कराने में उड़द की दाल, सीप, कोड़ी तथा शंख का उपयोग किया गया था।
भाई-बहन नहीं जा सकते हैं साथ
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इस मीनार के निर्माण के संबंध में हम आपको बता दें कि इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के ही “मथुरा प्रसाद” ने कराया था। असल में मथुरा प्रसाद रामलीला में रावण का किरदार निभाते थे। कई वर्ष तक वे रावण के किरदार को रामलीला में निभाते रहें। इस कारण उनका इस किरदार से काफी लगाव हो गया था। यही लगाव इस मीनार के निर्माण का कारण बना। इसके चलते मथुरा प्रसाद ने 1875 में इस मीनार का निर्माण जालौन में कराया था।
इतने पुराने समय में भी इस मीनार को निर्मित कराने में 1 लाख 75 हजार रुपये तथा 20 वर्ष का समय लगा था। दिल्ली की कुतुबमीनार के बाद यह देश की सबसे ऊंची मीनार मानी जाती है। इसमें भाई बहन एक साथ नहीं जा सकते हैं। इसका कारण यह है कि इसके ऊपर जानें पर 7 परिक्रमा करनी होती है जो शादी के फेरों का प्रतीक होती हैं। यही कारण है कि इस मीनार में भाई-बहन के एक साथ जाने पर रोक लगी रहती है।