बहुत से मंदिरों में भक्तगण दुग्दाभिषेक दिखते हैं। ऐसा ही कुछ इस मंदिर में भी होता है पर यह देश का एकलौता ऐसा मंदिर हैं जहां चढ़ाया जाने वाले दूध का रंग बदल जाता है। यह बात यकीनन आश्चर्यचकित करने वाली है और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण को भी अभी तक नहीं जाना जा सका है। यदि आप लोग भारतीय ज्योतिष की थोड़ी भी जानकारी रखते होंगे तो आपको पता होगा कि ज्योतिष में 9 ग्रहों के हिसाब से गणना की जाती है तथा उसके अनुसार ही फलादेश सुनाया जाता है। प्रत्येक गृह का स्वामी एक देवता होता है। इन्ही 9 ग्रहों में राहू तथा केतू भी हैं। इस मंदिर में कहा जाता है कि इस मंदिर का संबंध देवता केतू से है। इस मंदिर का नाम नागनाथ स्वामी मंदिर है। यह भारत के दक्षिणी प्रांत केरल में स्थित है।
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केरल स्थित इस मंदिर का नाम नागनाथ स्वामी मंदिर है। इसको केति स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर केरल के कीजापेरुमपल्लम नामक गांव में है। वैसे तो यह मंदिर केतू देवता को समर्पित है, पर इसके मुख्य देवता भगवान शिव हैं। भगवान् शिव को नागनाथ स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में राहू देवता की प्रतिमा भी स्थापित है। इसी प्रतिमा पर दूध चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि जो लोग केतू के दोष से ग्रस्त होते हैं उनका चढ़ाया दूध नीले कलर का हो जाता है। इस संबंध में एक पौराणिक कथा भी है जिसके अनुसार केतू ने एक ऋषि के श्राप से मुक्त होने के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी। भगवान शिव ने शिवरात्रि के दिन केतू को दर्शन देकर ऋषि के श्राप से मुक्ति दिलाई थी। इस मंदिर में शिवरात्रि के दिन भक्तों की भारी भीड़ लग जाती है। इस स्थल पर समय समय पर मेले भी लगते हैं।