आपने सोने के सिक्के देखें ही होंगे, पर क्या अपने कभी दुनिया के सबसे पहले सोने के सिक्के को देखा है? यदि नहीं, तो आज हम आपको बता रहें हैं दुनिया के पहले सोने के सिक्के का असल इतिहास। वर्तमान की बात करें तो दीपावली से पहले आने वाले धनतेरस पर्व पर सोने की खरीद फरोख्त बढ़ जाती है।
ज्यादातर लोग सोने के सिक्के को खरीदते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे पहले सोने का सिक्का कब चला था और किसने चलाया था। हम आपको बता दें कि आज से करीब दो हजार वर्ष पूर्व सोने के सिक्के की शुरुआत की गई थी और उस दौर के उत्तरार्ध में कुषाण वंश का शासन था। इस वंश ने ही सोने के सिक्कों की शुरुआत मुद्रा के रूप में की थी। इस सिक्के की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इस पर भगवान शिव तथा नंदी की तस्वीर अंकित की गई थी।
 image source:
image source:
आपको हम बता दें कि राजा हुविष्क के बाद वासुदेव कुषाण वंश में राजा के पद पर आसीन हुए थे। राजा वासुदेव भगवान शिव के भक्त थे और यही कारण था कि उन्होंने अपने राज में चलाए सोने के सिक्कों पर भगवान शिव की नंदी के साथ तस्वीर छपवाई थी। राजा वासुदेव कुषाण वंश के अंतिम तथा शक्तिशाली राजा थे। उस समय राजा वासुदेव के चीन के राजाओं के साथ अच्छे संबंध थे।
वर्तमान में जो दस्तावेज उपलब्ध है उनके आधार पर यह पता लगता है कि राजा वासुदेव ने तत्कालीन चीनी राजा “काओ रुई व वेइ” को कई बार उपहार में इन सिक्को को भेजा था। राजा वासुदेव ने अपने समय में जो सोने के सिक्के चलाये थे, उनसे पहले के किसी भी सिक्के में यवनों के किसी भी विदेशी देवी देवताओं का कोई चित्र नहीं मिलता है। इससे यही प्रतीत होता है कि राजा वासुदेव ने हिंदू धर्म को अपने जीवन में पूर्णतः अपना लिया था।
