घनश्याम गुर्जर को आप शायद नहीं जानते होंगे इसलिए आपको सबसे पहले इनके बारे में बताते हैं, घनश्याम गुर्जर राजस्थान के गांव खवारावजी के निवासी थे और वर्तमान में भारतीय सेना में कार्यरत थे पर अभी हालही में श्रीनगर के जकूरा नामक स्थान पर आतंकी हमले में वे शहीद हो गए हैं। घनश्याम गुर्जर की शादी इस वर्ष दीपावली के बाद में होनी पक्की थी पर इससे पहले ही उनका शव तिरंगे के साथ उनके घर में पहुंच गया। हमारे इस आलेख में आप यह जानेंगे कि एक शहीद व्यक्ति के परिवार और उसके निजी जीवन के सभी सपने किस प्रकार से अधूरे रह जाते हैं। आइये जानते हैं घनश्याम गुर्जर के बारे में।
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जकूरा नामक स्थान श्रीनगर में स्थित है और यहीं पर तैनात थे घनश्याम गुर्जर, जो की हालही में आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। रविवार को घनश्याम गुर्जर का शव तिरंगे में लिपट कर उनके घर आ गया था, शहीद घनश्याम गुर्जर का अंतिम संस्कार ससम्मान उनके ही पैतृक गावं में किया गया। इस अवसर पर जब उनके ही पिता ने अपने इस शहीद बेटे की अर्थी को कंधा दिया तो सारा गांव इस दृश्य को देख कर रोने लगा। राजस्थान स्थित पैतृक गांव (खवारावजी) में ही शहीद घनश्याम का अंतिम संस्कार किया गया, इस अंतिम संस्कार में इस शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए 100 गांवों के लोग बड़ी तादाद में पहुंचे हुए थे।
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महज 4 वर्षीय भतीजे ने शहीद घनश्याम को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की प्रथा को पूरा किया। इस समय सारा वातावरण ‘घनश्याम तेरा यह बलिदान-कभी न भूले हिंदुस्तान’ जैसे नारों से गूंज रहा था। अंत्येष्टि स्थल पर ही भारतीय सेना के 26 सैनिकों ने तीन बार फायर कर इस शहीद को सलामी दी और मातमी घुन बजाई। इस अवसर पर सेना के कई बड़े अधिकारी तथा जिले के कई अधिकारियों के साथ में जनप्रतिनिधि भी वहां मौजूद थे।
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जानकारी के लिए हम आपको यह भी बता दें कि शहीद घनश्याम की शादी इस वर्ष दीपावली के बाद में होनी तय थी जिसके लिए घर में तैयारियां भी चल रही थी। शहीद घनश्याम के पिता का कहना है कि ” मैं जिस बेटे की बरात ले जाने की तैयारी कर रहा था, आज उसी की अंतिम विदाई करनी पड़ रही है।”, घनश्याम हालही में 3 महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे तथा महज 22 वर्ष की उम्र के थे।