अक्सर देखा जाता है कि गहरे जख्मों के ठीक होने के बाद उनके निशान रह जाते है जो काफी समय तक नही जाते। इन निशानों व जख्मों से इंस्टंट छुटकारा पाने के लिए पहली बार एक ऐसे थ्रीडी स्किन प्रिंटर का निर्माण किया गया है जिसकी मदद से कैसे भी जख्म को मिनटों में ढका जा सकेगा। कई बार देखा जाता है कि गहरी चोट लगने की स्थिति में एपिटर्मिस, डर्मिस और हाइपोडर्मिस बुरी तरह से फट जाती है। ऐसे में इन जख्मों को ठीक होने में काफी लंबा समय लग जाता है। मगर इस तकनीक के जरिए अब आपका इलाज मिनटों में संभव है।
वर्तमान इलाज कुछ ऐसा है –
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गहरे जख्मों के इलाज के लिए जिस वर्तमान तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है उसे स्प्लिट-थिकनैस स्किन ग्राफ्टिंग कहा जाता है। इस तकनीक में एक सेहतमंद डोनर की त्वचा का इस्तेमाल किया जाता है। डोनर की त्वचा को एपिडर्मिस और डर्मिस लेयर पर लगाया जाता है। इस तकनीक के जरिये इलाज करते समय कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे कि अगर जख्म गहरा है तो आपको काफी सेहतमंद त्वचा वाले डोनर की जरुरत पड़ेगी। इसके अलावा इस तकनीक के जरिये इलाज करने में बहुत कम बार यह संभव हो पाता है कि तीनो परतों के लिए पर्याप्त त्वचा मिल पाए। जिसके चलते अक्सर परिणाम संतोषजनक नही होते।
स्किन प्रिंटर तकनीक अन्य सब तकनीको से बेहतर –
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ऐसा नही है कि स्किन प्रिंटर तकनीक का आविष्कार कोई नई चीज है। इससे पहले भी यह तकनीक उजागर हो चुकी है। मगर इसे लेकर कनाडा यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो के आलोचक एक्सेल गुएंथेर कहते हैं कि शुरुआत में बने बायोप्रिंटर काफी भारी थे, साथ ही उनके काम करने की गति भी काफी धीमी थी। कीमत अधिक होने के कारण इन्हें ज्यादातर क्लीनीक में प्रयोग भी नही किया जाता था। मगर इस नए वाले स्किन प्रिंटर में पहले वाले जैसी कोई त्रुटी नही है और इसके अलावा जख्म भरने की प्रक्रिया भी अब पहले की तुलना में अधिक कारगर की गई है।