शिवसेना के एमएलए की दादागिरी एक बार फिर सामने आई है। बुधवार रात शिवसेना के एमएलए हेमंत पाटिल को देवगिरी एक्सप्रेस में मनचाही सीट ना मिलने पर उन्होंने स्टेशन पर ऐसा बवाल मचाया जिसके कारण रेलवे के साथ-साथ दो हजार यात्रियों को भी काफी परेशानी हुई। एमएलए ने मुंबई के सीएसटी स्टेशन पर देवगिरी एक्सप्रेस को कम से कम 56 मिनट तक रुकवाए रखा, जिसके कारण दो एक्सप्रेस सहित छह ट्रेनें लगभग आधे घंटे तक लेट हुईं।
सूत्रों के मुताबिक पाटिल और उनके दोस्त को सेकेंड ऐसी में बर्थ नंबर 35 और 36 दी गई थी, लेकिन पाटिल ने इस बर्थ पर यात्रा करने से साफ मना कर दिया। इतना ही नहीं इसके बाद स्टेशन पर मौजूद पाटिल के साथियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी और फिर रेल अफसरों से विवाद करने लगे। देवगिरी एक्सप्रेस का सीएसटी स्टेशन से रवाना होने का समय जहां रात 9.10 का है, वहीं इस विवाद के चलते यह ट्रेन 56 मिनट देर यानि की 9.57 के बाद चली। इसके बाद रेल अफसरों ने किसी तरह सारा मामला निपटाया और ट्रेन को रवाना करने को कहा गया, लेकिन इसके बावजूद ट्रेन सीएसटी के अगले स्टेशन यानी मस्जिद स्टेशन पर रोकवा दी गई। इसके बाद आखिर में ट्रेन को 10.06 मिनट पर आगे बढ़ाया गया। इस विवाद के चलते चार लोकल ट्रेन और दो एक्सप्रेस ट्रेनें अपने समय से कम से कम तीस मिनट लेट हुईं।
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इस पूरे मामले को लेकर शिवसेना के स्पोक्सपर्सन नीलम गोरहे ने कहा कि पाटिल ने जो कुछ किया हो, उसमें पार्टी को बीच में लाना सही नहीं होगा। वह उनका पर्सनल मैटर है। वहीं ट्रेन में सफर करने वाले यात्री असलम शेख ने कहा कि पाटिल की तरह अगर कोई आम इंसान ऐसा करता तो अब तक उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाता। नेता लोगों को इसकी काफी छूट क्यों दी जाती है। एक दूसरे यात्री सुहास पाटिल ने कहा कि हमारे देश में सारे के सारे नियम कानून क्या आम आदमी के लिए ही बने हैं और नेताओं को हर जगह छूट मिली हुई है।