महालक्ष्मी मंदिर में भूमाता बिग्रेड की तृप्ति देसाई की पिटाई

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मंदिर को श्रद्धा का स्थल माना जाता है जहां पर हर धर्म जाति समुदाय के लोग एक होकर श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, पर हाल ही में मंदिर में प्रवेश करने को लेकर अलग-अलग विवाद सुनने को काफी मिल रहे हैं। देश के कई मंदिरों में अलग-अलग कारणों से महिलाओं के जाने पर रोक लगाई गई है। बुधवार देर शाम महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश करने को लेकर भूमाता बिग्रेड की तृप्ति देसाई की वहां मौजूद लोगों ने पिटाई कर दी। तृप्ति देसाई का लोगों ने जमकर विरोध किया और उनके ऊपर हल्दी, कुमकुम और मिर्च पाउडर फेंका गया। काफी मशक्कत करने के बाद पुलिस ने तृप्ति को भीड़ से निकाला।

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बताया जा रहा है कि तृप्ति देसाई को गंभीर चोटें आईं जिस वजह से उन्हें समीप के कोल्हापुर अस्पताल में उपचार के लिये ले जाया गया। तृप्ति देसाई बुधवार देर शाम शाम महिलाओं की भारी टीम के साथ कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश करने के लिये पहुंची थीं, लेकिन यहां की पुलिस ने कानून व्यवस्था के नियमों को देखते हुए उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया और इसी बीच लोगों ने उनसे मारपीट की।

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यहां बता दें कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की लड़ाई जीतने के बाद तृप्ति ने महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश करने का चैलेंज दिया था। इसी के लिये वो महालक्ष्मी मंदिर के गर्भग्रह में दर्शन के लिये कई महिलाओं की टीम के साथ पहुंची थीं। जिसको देख महालक्ष्मी मंदिर के कार्यकर्ताओं ने इसका जमकर विरोध किया। पुलिस की उपस्थति में ही तृप्ति देसाई व अन्य महिलाएं मंदिर के अंदर दर्शन के लिए पहुंची थीं, पर वहां के पुजारी और हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने उन्हें गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं दी और रोक दिया। जिसके चलते तृप्ती और मंदिर के पुजारी के बीच काफी वाद-विवाद बढ़ने लगा। इसी झड़प के बीच तृप्ति गर्भगृह में जाने में कामयाब हो गईं, जिससे वहां मौजूद जनता भड़क उठी और तृप्ति पर हमला बोल दिया। जिससे तृप्ती को गंभीर चोटें आई हैं।

बताया जा रहा है कि मंदिर में प्रवेश के पहले तृप्ती को साड़ी पहनने के लिये कहा गया था, जिस पर उन्होंने इसका विरोध करते हुये कहा कि मंदिर में प्रवेश के लिये कोई ड्रेस कोड नहीं है। इसी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया। वहीं मंदिर के लोगों का कहना है कि मंदिर की पवित्रता बनाये रखने के लिये महिलाओं का साड़ी पहनना जरूरी है। जिसकी वजह से तृप्ती पर रोक लगाई गई।

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