मारिया शारापोवा टेनिस की एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। वह विश्व की पूर्व बेस्ट टेनिस प्लेयर रह चुकी हैं। ऑस्ट्रेलिया ओपन से पहले ड्रग टेस्ट में फ़ेल होने पर शारापोवा ने अपने बारे में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। जिसके बाद वह विवादों में घिर गई हैं। इस खुलासे से 28 साल की शरापोवा के करियर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। उन पर एक साल या फिर उससे ज्यादा का बैन लगता सकता है। शारापोवा के खुलासे के बाद स्पोर्ट्स प्रोडक्ट्स बनाने वाली मशहूर कंपनी नाइकी ने भी उनके साथ अपना करार ख़त्म कर लिया है।
शारापोवा पिछले 10 सालों से ले रही थीं मेल्डोनियम
Image Source: http://bsmedia.business-standard.com/
ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध स्पोर्ट्स डॉक्टर पीटर ब्रूकनार ने बताया कि प्रतिबंधित मेल्डोनियम ड्रग का उपयोग करने की वजह से शारापोवा पर दो साल तक के लिए बैन लग सकता है, जबकि शारापोवा का कहना है कि इस दवाई का इस्तेमाल वह स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों से पिछले 10 सालों से कर रही हैं।
इस गलती की पूरी जिम्मेदारी लेती हैं शारापोवा
Image Source: http://sharing.abcactionnews.com/
रूसी प्लेयर शारापोवा ने बताया कि वह मेल्डोनियम दवा का उपयोग लो मैग्नीशियम और डायबिटीज़ जैसी बीमारी के चलते पिछले 10 वर्षों से कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें इंटरनेशनल फेडरेशन से एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिस पर लिखा था कि वह ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए किए गए ड्रग टेस्ट में फ़ेल साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात की पूरी जिम्मेदारी लेती हैं।
शारापोवा ने मानी अपनी गलती
Image Source: http://www.smh.com.au/
शारापोवा ने बताया कि अपने डॉक्टर की सलाह पर वह पिछले 10 वर्षों से मिल्ड्रोनेट नाम की दवाई ले रही थीं। मेल्डोनियम इस दवा का एक और नाम है। वह बताती हैं कि यह उनकी काफी बड़ी गलती थी। उनके कारण उनके फैंस को ठेस पहुंची और साथ ही खेल को भी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि 4 साल की उम्र से वह टेनिस खेल रही हैं। वह टेनिस से बेहद प्यार करती हैं।
मेल्डोनियम का उपयोग कब होता है
Image Source: http://img03.dn.se/
यह दवा पहले वाडा की बैन की गई दवाओं में शामिल नहीं थी। 1 जनवरी 2016 से ही इस पर प्रतिबन्ध लगा था। इस दवा का उपयोग सीने में दर्द और हार्ट अटैक में होता है। साथ ही यह दावा किया जा है कि इस दवा के उपयोग से खिलाड़ी अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं। अमेरिका में इस दवा के उपयोग पर बैन है। मगर रूस, लातविया तथा यूके के कई देशों में इसका प्रयोग किया जाता है।