आपने अक्सर सुना होगा कि “बंदर हमार पूर्वज” हैं, पर अब यह दावा गलत साबित हो रहा है। जी हां, आज से पहले हम सामान्य तौर पर बंदरों को ही अपना पूर्वज मानते आ रहें हैं। कई वैज्ञानिक धारणाओं में भी बंदर को हमारे पूर्वज की तरह दर्शाया गया है, पर अब यह बात गलत साबित हो चुकी है। असल में अब वैज्ञानिकों ने अपने नए शोध में यह पाया है कि बंदर क्रमिक विकास क्रम के आधार पर हमारे पूर्वज नहीं हैं।
समुद्री स्पंज को बताया प्राचीन पूर्वज –
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अब तक वैज्ञानिकों की ओर से मानव सभ्यता तथा अन्य जीवों की उत्पत्ति को लेकर कई तरह के तथ्य सामने आये हैं। हाल ही में एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि मानव हमारे पूर्वज बंदर नहीं बल्कि एक समुद्री जीव है। यह बात सुनकर आप हैरान रह गए होंगे। असल में लंबे समय से हमारी धारणा रही है कि बंदर ही हमारे प्राचीन पूर्वज है इसलिए ऐसी सोच होना स्वाभाविक है। आपको बता दें कि काफी समय पहले के वैज्ञानिकों का मत था कि “समुद्री स्पंज” सभी जीवों का प्राचीन पूर्वज है। इस वैज्ञानिकों ने समुद्री स्पंज को लेकर अपने कई तर्क भी दिए थे। जिनके आधार पर मानव विकास से जुड़ी सबसे बड़ी पहेली सुलझ सकती है।
जीनोमिक डेटासेटों के आधार पर हुआ था शोध –
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इन वैज्ञानिकों के जीन से जुड़े विश्लेषण देखने पर यह बात आसानी से समझ में आ जाती है। आपको बता दें कि समुद्री स्पंज को कॉम्ब जेली भी कहा जाता है। समुद्री स्पंज पोरीफेरा संघ के जीव होते हैं। ये एक कॉलोनी बना कर रहते हैं। ये चल नहीं सकते हैं इसलिए एक ही जगह पर चिपके रहते है। ये जीव मीठे तथा खारे पानी में पाए जाते हैं। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के शोधार्थियों ने अपने नए शोध में प्राचीन पूर्वजों की इस भ्रम की स्थिति को साफ़ किया। इसके बाद उन्होंने इस बात को स्वीकार लिया कि समुद्री स्पंज ही सबसे प्राचीन पूर्वज हैं। यह शोध 2015 से 2017 के बीच जारी हुए जीनोमिक डेटासेटों के आधार पर किया गया था।