संता-बंता जोक्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार कर लिया गया है। याचिकाकर्ता हरविंदर चौधरी ने अपनी जनहित याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि उन सभी वेबसाइट्स पर बैन लगा दिया जाए जिन पर सिख समुदाय का मजाक उड़ाया जाता है।
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उन्होंने कहा कि अब इस तरह के जोक्स बहुत हो गए, अब इन पर बैन लगाया जाना चाहिए। याचिका में चुटकुले पब्लिश करने वाली करीब पांच हजार वेबसाइट्स पर बैन लगाने की मांग भी की गई है। याचिका में कहा गया है कि इन चुटकुलों से सिख समुदाय का अपमान होता है।
हरविंदर ने कहा कि उन्हें इस बात की हैरानी होती है कि जब किसी खास समुदाय या जातिवर्ग पर हमला होता है तो बवाल हो जाता है, लेकिन जब सिखों को चुटकुले का पात्र बना दिया जाता है तो जरा भी मुखालफत नहीं होती। मुंबई में पुलिस से इन जोक्स पर बैन लगाने की शिकायत की जा चुकी है। इसके पहले कई बार सिख समुदाय के लोग इस तरह के चुटकुलों की शिकायत पुलिस से कर चुके हैं।
एक खबर के मुताबिक, सबसे पहले यह मामला मार्च 2007 में उठाया गया था। सिख बिजनसमैन मोहिंदर नानक सिंह की शिकायत पर मुंबई बेस्ड पब्लिशर रंजीत परांडे को संता-बंता पर किताब प्रकाशित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। किताब में कथित तौर पर सिख समुदाय पर भद्दे और अपमानजनक जोक्स थे। अब यह देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका के स्वीकर होने के बाद आखिर कब तक ऐसी साइट्स पर बैन लगेगा या नहीं।