रुपया के कीमत की बात के तो ऐतिहासिक निचले स्तर पर हर रोज पंहुचती नजर आती है। इस हेडलाइन को आप हर तीसरे दिन देख सकते है ये सब देख अब तो शक होने लगा है कि रुपया इतनी ना गिर जाये कि लोग उसे ही भूलने लग जायें। रूपये के गिरते स्तर से जहां एक ओर लोग परेशान है तो दूसरी ओर इसके जिम्मेदार मोदी जी की को मान रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि रूपये गिरना या उसका कमजोर होना हमारे लिये कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। यदि आप नही जानते तो जरा ठहरिये हम बता रहे है इससे होने वाले फायदे के बारें में..
1. हमारे यहां बड़े-बुजुर्गों को घर की नीव माना जाता है यदि उनकी उम्र 70 पार कर जाए तो वो इंसान से देवत्व को प्राप्त कर जाता है। इसी तरह रुपया भी दूसरा भगवान है। इसलिए एक डॉलर बराबर 71 रुपये होने पर उसकी इज्जत भी बढ़ गई है। देखो लोगों को उसकी कितनी चिंता होने लगी हैं।
2. सभी लोगों का मानना है कि रुपया कमजोर हो रहा है। ये भी एक सबसे अच्छा संकेत है। क्योकि लोगों को हमेशा दुनिया में रुपया सबसे बड़ा बलवान नजर आता था जो भाई-भाई में लट्ठ तक चलवा देता है। लेकिन अब रुपयों के कमजोर होने से परिवारों में एकजुटता बढ़ेगी।
3. रुपया कमजोर होगा तो बाहरी देशों की नजर हम लोगों को लूटने के लिये नही पड़ेगी। हमारा देश निश्चित रूप से रहेगा। कोई दूसरा देश लूटना नही चाहेगा। जैसे कि तब हुआ था जब हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था। और सभी की नजर किसी ओर लगी रहती थी।
4. रुपया कमजोर होने पर लोग चोरी करेगे। या गिरे हुए नोट को कोई न कोई उठाने के लिए कोशिश करेगा। हम उस गिरे रुपये में धागा फंसाकर खींच लेंगे। मस्त प्रैंक वीडियो बनेगा।
सबसे ज्यादा फायदा फिजिकली कमजोर लोगों को होगा. खाते हैं बकरी की तरह, सूखते जाते हैं लकड़ी की तरह। कुछ खाया पिया नहीं लगता। सब वैद्यराज और डाक्साब लोग हार गए। हड्डी पर मांस नहीं चढ़ा। उनको अब संतोष रहेगा कि कोई तो कमजोर होने में उनका साथ दे रहा है। अगर किसी ने उनका मजाक उड़ाया तो वो मुंह पर बोल सकते हैं- वो भी कमजोर है जिसको तुम सिर चढ़ा रखे हो। इस तरह कमजोर और गिरा हुआ रुपया देश के काफी काम आ सकता है।बस देखने वालों की नजरें चाहिए।