तुलसी का नियमित इस्तेमाल शरीर को रखेगा निरोगी

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हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को एक सामान्य पौधा नहीं बल्कि देवी स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि अधिकतर हिन्दू घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है। असल में जिस प्रकार प्रत्येक हिन्दू परंपरा के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण होते हैं उसी प्रकार तुलसी का पौधा घर में लगाने की पीछे भी कुछ वैज्ञानिक कारण हैं।
तुलसी में गजब की रोगनिवारक शक्ति होती है। विशेषकर सर्दी, खांसी और बुखार में यह बहुत अच्छा काम करती है। ऐसी मान्यता है कि जिस वस्तु का प्रयोग पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है उसका सकारात्मक प्रभाव बहुत जल्दी दिखाई पड़ता है। तुलसी सिर्फ बीमारियों पर ही नहीं, बल्कि मनुष्य के आंतरिक भावों और विचारों पर भी अच्छा प्रभाव डालती है।

आयुर्वेद के सबसे प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में कहा गया है-
हिक्काज विश्वास पाश्र्वमूल विनाशिनरू।
पितकृतत्कफवातघ्नसुरसारू पूतिर्रू गन्धहा।।

– सुरसा यानी तुलसी हिचकी, खांसी, जहर का प्रभाव व पसली का दर्द मिटाने वाली है। इससे पित्त की वृद्धि और दूषित वायु खत्म होती है। यह दुर्गंध भी दूर करती है।

तुलसी कटु कातिक्ता हद्योषणा दाहिपित्तकृत।
दीपना कृष्टकृच्छ् स्त्रपाश्र्व रूककफवातजित।।

– तुलसी कड़वे व तीखे स्वाद वाली दिल के लिए लाभकारी, त्वचा रोगों में फायदेमंद, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और मूत्र से संबंधित बीमारियों को मिटाने वाली है। यह कफ और वात से संबंधित बीमारियों को भी ठीक करती है।

Holy Basil1Image Source: http://www.skepdick.org/

शास्त्रों में कहा गया है…
त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि।
विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना।।
तुलसी गंधमादाय यत्र गच्छन्तिरू मारुतरू।
दिशो दशश्च पूतास्तुर्भूत ग्रामश्चतुर्विधरू।।

– यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता।

तुलसी की गंध जितनी दूर तक जाती है वहां तक का वातारण और निवास करने वाले जीव निरोगी और पवित्र हो जाते हैं।

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मच्छर जनित बीमारियों में भी लाभप्रद-
मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी जैसे मलेरिया में तुलसी एक कारगर औषधि है। तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से मलेरिया जल्दी ठीक हो जाता है। जुकाम के कारण आने वाले बुखार में भी तुलसी के पत्तों के रस का सेवन करना चाहिए। इससे बुखार में आराम मिलता है। शरीर में दर्द हो रहा हो या जब लग रहा हो कि बुखार आने वाला है तो पुदीने का रस और तुलसी का रस बराबर मात्रा में मिलाकर थोड़ा गुड़ डालकर सेवन करें, आराम मिलेगा।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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