हरिद्वार से हावड़ा जा रही कुम्भ एक्सप्रेस अपने समय से 9 घंटे देरी से चल रही थी। सोमवार की रात देहरादून एसीएन स्कूल के स्टूडेंट्स इस ट्रेन में सफर कर रहे थे। यह बच्चे पिछले कई घंटों से भूखे थे, लेकिन ट्रैन में पेंट्री कार न होने के कारण बच्चों का भूख से बुरा हाल था। जिसके बाद बच्चों ने ट्विटर पर रेल मंत्री से मदद मांगी और वाराणसी कैंट स्टेशन पर बच्चों के लिए कुछ ही देर में खाने का प्रबंध कर दिया गया। बच्चों को खाने के लिए पूड़ी, सब्जी, दाल, चावल, पानी और कॉफी दी गयी।
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बच्चे समय पर खाना मिलने से काफी खुश हुए। छात्रों ने कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार होता देख रहे हैं। स्टूडेंट रोहित ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले रेल मंत्री भूखे बच्चों की मदद जरूर करेंगे। दरअसल कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में एक महिला ने छेड़खानी को लेकर रेल मंत्री से ट्विटर पर मदद मांगी थी। उसे तत्काल भुसावल स्टेशन पर मदद मिली थी। इस घटना से प्रभावित होकर ही बच्चों ने रेल मंत्री से मदद मांगी और उनकी उम्मीद सही साबित हुई।