पीएम मोदी ने जारी किया नया बयान, कहा- दिल्ली का स्मॉग विपक्ष की जलन से उठा धुआं हैं

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वर्तमान में दिल्ली का हाल कैसा हैं वह आपको पता ही होगा। इस बारे में किसी से बात करना खुद को मुर्ख साबित करना हैं। यही कारण हैं कि हम लोग आपको दिल्ली में चल रही स्मॉग प्रॉब्लम के बारे में ज्ञान नहीं दे रहें हैं। अब आते हैं सीधे खबर पर, दरअसल बात दिल्ली के स्मॉग की नहीं हैं बल्कि इसे लेकर आये पीएम मोदी के नए बयान की हैं।

मोदी जी के हाल ही में आये इस बयान से विपक्षी दल कुछ इस कदर जल भून गए हैं कि सर्दी के समय भी उनके नेताओं के शरीर से गर्मी वाला पसीना चोता देखा जा रहा हैं। अब आप खुद ही समझ गए होंगे कि मोदी जी का बयान किस कदर भड़काऊ होगा। पीएम मोदी के इस बयान के कारण ही देश भर में गहमा गहमी का वातावरण पैदा हो चुका हैं और विपक्ष के छुटभैया नेता जी जगह जगह रैली करते और प्रैस कांफ्रेंस करते नजर आ रहें हैं।

pm modi accuses the opposition party for delhi smog issueimage source:

असल में बात यह थी कि एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकार ने पीएम से दिल्ली के स्मॉग के बारे में पूछ लिया। इस सवाल के जवाब में पीएम ने इस समस्या को अति साधारण बताया और कहा कि “जब से देश में नोटबंदी की वर्षगांठ मनाई जा रही हैं तभी से दिल्ली में इस तरह का स्मॉग का होना इस बात को दर्शाता हैं कि यह वाकई में धुआं हैं। लेकिन यह धुंआ कोई आम धुंआ नहीं हैं बल्कि विपक्षी दलों की जलन का धुआं हैं।”

मोदी जी ने आगे बताते हुए कहा कि “देखिये देश में विकास का जन्म हुआ पर विपक्ष को इस बात का पता नहीं है क्योंकि विकास की छटी और नामकरण में हमने विपक्ष को बुलाया ही नहीं था, इसलिए उनको पता कैसे लगता।” अपनी लय में आगे बोलते हुए मोदी जी ने कहा कि “बात यह हैं कि जब से अपने देश में विकास पैदा हुआ हैं तब से बहुत देशों से उनके पास लगातार फोन आ रहें हैं ताकि वे भी हमसे विकास को पैदा करने के टिप्स ले।” आगे अपनी बात पर जोर देते हुए उन्होंने बोला “यह स्मॉग पीएम आवास पर उस समय सबसे ज्यादा देखा गया था जब मैंने करोड़ो रूपए वाला सूट पहना था।”

पीएम के इस बयान के चलते विपक्ष बहुत गर्म स्थिति में हैं। खैर प्रैस कांफ्रेंस ख़त्म होने से पहले पत्रकार ने मोदी जी से यह सवाल कर डाला “क्या आप इस बढ़ते प्रदुषण से चिंतित नहीं हैं।”, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह प्रदुषण हैं ही नहीं जैसा मैंने आपको अभी बताया हैं और यदि यह वाकई में प्रदुषण हैं तो हम लोग गड़करी जी से गुजारिश करेंगे कि वह कम पराठे खाएं।” बस इस छोटे से इंटरव्यू ने देश में धमाल मचाया हुआ हैं और इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार की नौकरी खतरे में पड़ी हुई हैं।

विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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