कंप्यूटर से भी पहले यहां के लोग चलाते थे मोबाइल, देखिये तस्वीरें

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दुनिया ने पहले मोबाइल को 1970 के दशक में देखा था, पर आज हम आपको जिस शहर के बारे में बता रहें हैं उसके लोग उस समय भी मोबाइल चलाते थे, जब दुनिया में कंप्यूटर भी नहीं था। आपको इन शब्दों को पढ़कर हैरानी हो रही होगी, पर यह सच है। हम आपको बता दें कि वर्तमान में एक पेंटिंग ने लोगों को बुरी तरह से हैरान किया हुआ है। जब लोग इंटरनेट तथा कंप्यूटर का सपना तक नहीं देख पाते थे, उस समय इस पेंटिंग का निर्माण हुआ था, पर फिर भी इस पेंटिंग में एक व्यक्ति को मोबाइल चलाते दिखाया गया है। यही बात लोगों की हैरानी का कारण बनी हुई है कि उस समय जब दुनिया में मोबाइल बना ही नहीं था, तब आखिर पेंटिंग बनाने वाले ने किस विचार के तहत पेंटिंग में मोबाइल को दर्शाया है। आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस पेंटिंग के बारे में।

मोबाइलImage Source:

इस पेंटिंग का नाम “Mr Pynchon and the Settling of Springfield’ by Umberto Romano” है। यह पेंटिंग अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी के नेशनल पोस्‍टल म्‍यूजियम में रखी है। आपको हम बता दें कि इस पेंटिंग का निर्माण इटली के पेंटर “उम्बेर्तो रोमानो” ने 1937 में किया था। इस पेंटिंग में कलाकार ने नेटिव अमेरिकन लोगों को दिखाया है। नेटिव अमेरिकन लोग इस पेंटिंग में आदिवासी लोगों जैसे कपड़े पहने हुए हैं पर उनमें से एक व्यक्ति अपने हाथ में मोबाइल लिए हुए है। फेमस ऑनलाइन मैगजीन Vice के एक लेखक ब्रायन एंडरसन इन पेंटिंग के बारे में कहा हैं कि इसमें एक व्यक्ति को बांधा हुआ दिखाया हुआ है तथा ये आदमी मोबाइल लिए हुए आदमी के मोबाइल में देखने की कोशिश कर रहा है। जैसा कि आप जानते ही है कि इस पेंटिंग का निर्माण 1937 में किया गया है, पर चौंकाने वाली बात यही है कि उस समय जब कंप्यूटर का आविष्कार तक नहीं हुआ था तब कलाकार ने किस विचार के तहत इस पेंटिंग में एक व्यक्ति को मोबाइल चलाते हुए दिखाया है, जबकि उस समय मोबाइल की कल्पना भी नहीं की गई थी। इतिहासकारों का इस बारे में अलग ही मत है उनका कहना है कि वह चीज कोई शीशा भी हो सकती है, जिसमें व्यक्ति देखने की कोशिश कर रहा है। इस पेंटिंग की असलियत क्या है इस बारे में आज तक कोई सही से नहीं बता सका है, पर टाइम ट्रैवल थ्योरी को मानने वाले लोगों को एक ओर रोचक बात हाथ लग गई है जो कि यह पेंटिंग ही है।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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