यहां खुदा से ईद पर नमाजी मांगते हैं कब्रिस्तान, घर में ही बनाई हुई हैं कब्रें

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ईद को खुशियों का त्यौहार माना जाता है इस दिन लोग न सिर्फ इस त्यौहार का आनंद लेते हैं बल्कि खुदा की इबादत में भी अपना समय देते हैं और अपने साथ के सभी लोगों की ख़ुशी के लिए दुआएं भी मांगते हैं परन्तु आज हम आपको रूबरू करा रहें हैं एक ऐसे गांव से जहां के लोग हर ईद पर खुदाबन्द से कब्रिस्तान की दुआ करते हैं। यह गांव उत्तरप्रदेश के आगरा में स्थित है, इस गांव का नाम है पोखर छः गांव। इस गांव के लोग अपनी दुआओं में कब्रिस्तान को इसलिए मांगते हैं क्युकी इस गांव में कब्रिस्तान है ही नहीं। इस गांव में करीव 70 मुस्लिम परिवार है और इनकी करीब 200 लोगों की आबादी है। ये सभी लोग मजदूरी करते हैं परंतु इस गांव में मुस्लिमों के लिए कोई कब्रिस्तान नहीं है, इस बजह से ही इन लोगों को अपने परिजनों का अंतिम संस्कार अपने घर के बाहर ही करना पड़ता है। पिछले 50 सालों में बहुत से लोगों की मौत हो चुकी है और कब्रिस्तान न होने के कारण घरों के बाहर कब्रों का ताँता लग गया है।

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इस गांव में पेशे से शिक्षक सलीम शाह इस बारे में बताते हुए कहते हैं की ” गांव को सरकारी कब्रिस्तान नही मिला है।कागजो में आज भी 387,388,389 नम्बर पट्टा कब्रिस्तान के नाम है पर जब भी शिकायत की जाती है तो नपाइश् में पोखर के अंदर की जगह बताई जाती है अब आप बताइये जब तालाब कब्रिस्तान की जमीन पर है तो असल तालाब कहा है इसका कोई जवाब नही देता है।पहले हम घरो के बाहर कब्र बनाते थे अब रेलवे लाइन के पार बसे परिजनों के घर के बाहर शव दफन कर रहे है ।इस साल 4 लोग दफन किये गए हैं अब वहां भी जगह खत्म है समझ नही आता अब अगर कोई खत्म हुआ तो क्या करेंगे।हर ईद बकरीद नमाज के बाद पूरे गाँव के मुस्लिम गाँव में कब्रिस्तान बन जाने की दुआ मांगते है पर आज तक सैकड़ो कम्प्लेन के बाद भी कोई सुनवाई नही हुई है।”

इस प्रकार से देखा जाए तो यह सब परेशानी प्रशासन की नाकामी का नतीजा है, लोगों को इस प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए जिले स्तर के अधिकारियों को इस और ध्यान देकर लोगों की इस अनिवार्य जरुरत को पूरा करने के लिए कदम जरूर उठाने चाहिए।

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