आजकल हर जगह वर्ल्ड रिकार्ड बनाने का दौर सा चल पड़ा हैं। इसी क्रम में कानपुरियों ने गुटखे की पीक से वर्ल्ड की सबसे बड़ी पेंटिंग बना विश्व रिकार्ड बनाया हैं। असल में दुनिया के हर देश तथा राज्य के लोग अपनी अपनी प्रतिभा को अच्छे से पहचानते हैं। अपनीं इसी प्रतिभा के क्षेत्र में कड़ी मेहनत से ये लोग कुछ ऐसा कर बैठते जाते हैं कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड वालों को मजबूरन इनका नाम अपनी किताब में चढ़ाना ही पड़ता हैं।
कुछ ऐसा ही कारनामा भारत के कानपुर शहर के लोगों ने किया हैं। दरअसल यहां के लोगों को भी अपना नाम वर्ल्ड रिकार्ड में चढ़वाने का बुखार चढ़ गया था। जिसके बाद इन्होंने कानपुर की सभी जगहों पर एक फार्म छपवा कर बांट दिया। इस फार्म में अपनी प्रतिभा का जिक्र कर उसको सार्वजानिक रूप से दिखाना था।
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असल में जिन लोगों को फार्म दिए गए उनमें से 95 प्रतिशत लोग पान और गुटखे के पीक को दूर तक मार करने की कला में माहिर थे। सभी लोग अपनी इस प्रतिभा को दिखाने के लिए एक साथ जुट गए और शुरू हो गया लाल रंग की रंगोली वाला खतरनाक प्रोग्राम।
पास के पान विक्रेताओं की मानें तो “सुबह से दोपहर तक गुटखा कुछ ऐसे बिका जैसे बीते यूपी के लोक सभा चुनावों में कांग्रेस विधायक बिक रहें थे। करोड़ो रूपए का गुटखा दोपहर तक चबाया जा चुका था। इसके बाद उस समय युद्ध शुरू हो गया जब सभी लोग अपनी पीक की लंबी धार से लाल रंगोली का निर्माण करने में जुटे थे।
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लड़ाई के बारे में कानपुर के सबसे तर्जुबेकार चचा गुटका खां ने बताते हुए कहा कि “असल में ये सभी नए नवेले लोग थे। सही स्थान पर पीक न मार कर एक दूसरे के ऊपर छोड़ने लगे। ऐसे में झगड़ा तो होना ही था।” दोपहर तक प्रोग्राम कुछ इस प्रकार से चल रहा था जैसे होली का त्योहार मनाया जा रहा हो।
इस अवसर पर कुछ अनुभवी लोग नए नवेले लोंडो को टिप्स दे देकर प्रोग्राम को आगे बढ़ाते नजर आ रहें थे। 7 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद लाखों लोगों ने इस पेंटिंग को तैयार किया। इस अवसर पर ख़ास बात यह रही कि इस प्रोग्राम की शुरुआत सुप्रसिद्ध अभिनेता “अजय देवगन” ने “बिमल पान मसाला” खाकर और मेन पॉइंट पर थूक कर की थी।
कानपुर के लोगों की इतनी कड़ी मेहनत और इच्छा शक्ति को देख कर आखिरकार गिनीज बुक वालों ने इस पेंटिंग को वर्ल्ड रिकाडर्स में शामिल कर ही लिया।
इस मौके पर शहर के गणमान्य लोगों ने गिनीज बुक के अधिकारियों का मुंह भंजन भी “बिमल” खिलाकर किया। हालांकि इस प्रोग्राम से बनारस वाले बहुत आहात हुए और इसको अपने लिए एक चुनौती मान रहें हैं। उन्होंने जल्द ही इससे बड़ी पेंटिंग बना कर दिखाने की बात कही हैं। अब देखना यह हैं कि बनारस वालो की पेंटिंग की शुरुआत कब होती हैं।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।