वर्तमान में चीन की सरकार ने लारुंग गर के हजारों घरों को गिराने का एक नोटिस जारी किया है। बता दें कि लारुंग गर तिब्बत का एक रिलीजियस टाउन माना जाता है, जो कि समुद्र से करीब 13000 फ़ीट की ऊंचाई पर मौजूद है। यह एक बौद्ध संस्थान के रूप में दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां पर करीब 400000 से ज्यादा बौद्ध भिक्षु और भिक्षुणियां रहते हैं, लेकिन यह भी आपको बता दें कि यह लारुंग गर अपनी एक अनोखी प्रथा के कारण भी काफी प्रसिद्ध है। असल में यहां पर शव संस्कार के रूप में लाश को चील कौवों को खाने के लिए रख दिया जाता है।
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ये है मान्यता –
असल में ऐसा करने के पीछे इनकी अपनी ही मान्यता है। इसका मानना है कि ऐसा करने से मृत व्यक्ति को स्वर्ग मिलता है। तिब्बत में अधिकतर लोग बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा को मानते हैं। इस शाखा में आत्मा के शरीर बदलने की धारणा दी हुई है। इसलिए इन लोगों का मानना है कि मौत के बाद में शरीर एक खाली बर्तन की तरह है, जिसको सुरक्षित रखने की कोई जरूरत नहीं है। यही कारण है कि शव को खुले आसमान के नीचे छोड़ देते हैं।
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एक मान्यता यह भी है कि गिद्ध दाकिनी यानि तिब्बतियों के लिए फरिश्ते की तरह होता है, जो कि मृतक की आत्मा को स्वर्ग में लेकर उड़ जाता है। इंसानी मीट इन पक्षियों के लिए एक प्रकार का दान होता है, जिसको ये लोग धार्मिक दृष्टि से देखते हैं। इसलिए ही ये लोग खुद भी मृतक के शव को अच्छे से काट कर पक्षियों को खिलाते हैं।