देवताओं में सबसे श्रेष्ठ कहे जाने वाले देवों के देव महादेव हैं। कहा जाता है कि महज शिव रूपी शिवलिंग की पूजा करने से महादेव प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही अपने भक्तजनों के कष्टों को दूर कर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हं। जिसके बारे में जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल हम जिस शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैँ। उस शिवलिंग पर ना तो लोग दूध चढ़ाने जाते हैं और ना ही जल चढ़ाते हैं। वहीं आपको इसके पीछे का कारण जानकर और भी ज्यादा हैरानी जब होगी, जब हम आपको बताएंगे कि इस शिव के मंदिर में लोग महादेव की क्यों पूजा करने तक से डरते हैं।
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हम आपको इस शिव मंदिर की कहानी के बारे में आगे बताएं। उससे पहले आपको ये बता दें की यह मंदिर हमारे देश में ही है। यह उत्तराखंड के हथिया नौला नामक जगह पर स्थित है। वहीं इसके पीछे एक बड़ी कहानी है। जिसको आज हम आपको बताएंगे। बताया जाता है कि इस गांव में कई सालों पहले एक मुर्तिकार रहा करता था। जिसका एक हाथ हादसे में कट गया था। इसका गांव वाले मिलकर मजाक बनाते थे कि अब बिना हाथों के ये कैसे मुर्ति बनाएगा। फिर लोगों के तानों से दुखी होकर एक दिन वह छेनी और हथौड़ा लेकर दक्षिण दिशा की और चल पड़ा। उसने वहां रात-रात में एक चट्टान को काटकर एक मंदिर और शिवलिंग का निर्माण कर दिया। जिसके बाद जिनसे भई सुबह उस मंदिर को देखा वह उसको हैरानी से देखता ही रह गया।
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इस कहानी में ज्यादा हैरानी करने वाली बात ये रही कि वह मुर्तिकार उस दिन के बाद से किसी को नहीं मिला। गांव वालों ने उसे ढूंढने की काफी कोशिश की लेकिन सब नाकाम रहे। इसी बीच वहां के पंडितों ने पाया कि शिवलिंग का अरघा विपरित दिशा में है। जिसके पीछे कारण दिया गया कि अगर किसी ने इस शिवलिंग की पूजा की तो कोई अनहोनी घट सकती हैं। ठीक उसी दिन से इस मंदिर में डर से लोग पूजा करने नहीं आते है।