पाकिस्तान हमेशा से ही भारतीय सेना के खुफिया राज़ जानने की फिराक में रहता है। इस वजह से भारतीय सुरक्षा जांच एजेंसियां हमेशा चौकन्नी रहती हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस पाकिस्तान के द्वारा स्पाई ऐप्स की मदद से भारतीय जवानों की जासूसी किए जाने की बात पर काफी चिंतित है। इस बारे में आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने निर्देश जारी करते हुए बॉर्डर पर तैनात जवानों को किसी भी तरह का ऐप मोबाइल में उपयोग ना करने को कहा है।
इस विषय में पिछले हफ्ते भी एक निर्देश जारी हुआ था, जिसमें खासतौर पर स्मैश ऐप से बच कर रहने की सलाह दी गई थी। महानिदेशक को ऐसी आशंका है कि इस तरह की ऐप्स के जरिए पाकिस्तानी हैकर्स हमारा जरूरी खुफिया डाटा चुरा सकते हैं।
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टाइम्स ऑफ इंडिया में दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक महानिदेशक ने जवानों से फेसबुक पर किसी भी अंजान व्यक्ति की तरफ से भेजी गई फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट ना करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि खासतौर पर अगर ऐसी रिक्वेस्ट लड़कियों की तरफ से आती हैं तो उनसे बचकर रहें। यह लड़कियां पाकिस्तानी जासूस भी हो सकती हैं। इससे पहले भी भारतीय सेना की तरफ से जवानों को ऐसी एडवाइजरी जारी की गई थी कि वह गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद लाइन, स्मैश और वीचैट जैसे ऐप्स को बिल्कुल भी डाउनलोड ना करें।
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सेना को ऐसा संदेह है कि इन ऐप्स की सहायता से विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसी, ऑनलाइन जासूसी करने का प्रयास कर सकती हैं। ऐसा विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन के हैकर्स कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के हैकर्स जिनके बारे में कहा जाता है कि वह कई आतंकवादी संगठनों और आईएसआई के लिए काम किया करते हैं। वह सुन्दर महिलाओं का सहारा लेकर पहले सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाते हैं फिर उन्हें फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर चैट करने को कहते हैं। बाद में जवानों से किसी ख़ास ऐप को डाउनलोड करने को कहते हैं ताकि उनके फोन से जरूरी डाटा चुराया जा सके।