अब आतंकवाद के खिलाफ जंग में चूहे भी होंगे शामिल

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आतंकवाद का सामना पूरी दुनिया एकजुट होकर कर रही है। विभिन्न देशों की सुरक्षा एजेंसियां हमेशा अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने का प्रयास करती रहती हैं। इसलिए अब रूसी वैज्ञानिकों ने आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए एक अनोखा तरीका ढूंढ़ निकाला है। यहां के वैज्ञानिकों ने एक खास तरह के चूहों को सुरक्षा से जुड़े इस ख़ुफ़िया काम के लिए चुना है। अभी तक सुरक्षा से जुड़े ख़ुफ़िया कामों के लिए कुत्तों का इस्तेमाल लिया जाता था मगर अब इस काम के लिए साइबॉर्ग चूहों का उपयोग किया जायेगा।

दरअसल साइबॉर्ग वो काल्पनिक जीव होते हैं जिनका आधा शरीर मशीन का और बाकि आधा शरीर जैविक होता है। अगर साइबॉर्ग चूहों का इस्तेमाल इस काम के लिए किया जाता है तो यह चूहे आसानी से दुश्मन के ठिकानों का पता लगा लेंगे। इनके दिमाग को इलेक्ट्रोड के जरिये इस तरह से कंट्रोल किया जायेगा कि चूहों की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सके।

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ऑल्फैक्टरी परसेप्शन लैब के रूसी साइंटिस्ट के मुताबिक इन चूहों में किसी भी चीज़ की गंध को पहचानने की अद्भुत क्षमता होती है। इसलिए इन चूहों को कुत्तों की जगह ट्रेनिंग की मदद से उपयोग में लाया जा सकता है। सुरक्षा से जुड़े इस मिशन के लिए इन चूहों को सही तरीके से प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि जरूरत के समय इन चूहों को बारूद, बम के ठिकानों और आपदा के दौरान मुसीबत में फंसे लोगों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
वैसे अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भूमि के खदानों की खोज में चूहों का उपयोग हो रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक चूहों को अभी सुरक्षा की दृष्टि से काम में लाने में अभी कई और साल लगेंगे।

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