अब शरियत कानून की हद में होंगे रेप, ISIS ने रेप को दी नई परिभाषा

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वैसे तो आपने आज तक आतंक का दूसरा नाम बन चुके ISIS के द्वारा महिलाओं पर किए जाने वाले तमाम तरह की अत्याचार की घटनाओं के बारे में सुना होगा। लेकिन इस बार आतंकी संगठन ISIS का जो अमानवीय चेहरा सामने आया है उसे जानकर आपका भी दिल जरूर दहल जाएगा। आपको बता दें कि आतंकी संगठन ISIS का बेहद घिनौना चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने आया है।

खबरों की मानें तो इस्लामिक स्टेट (ISIS) कमेटी ऑन रिसर्च एंड फतवा ने ईराक और सीरिया में लड़ रहे अपने आतंकियों के लिए बलात्कार करने की पूरी डीटेल्ड गाइडलाइन जारी की है। जिसके बाद अब संगठन से जुड़े सभी आतंकियों को अपनी गुलाम बनाई हुई महिलाओं का बलात्कार करने के लिए इस फतवा को ध्यान में रखना होगा। आईएस का मानना है कि बीते दिनों बलात्कार की कुछ घटनाएं शरियत कानून के खिलाफ रही हैं लिहाजा यह नया फतवा इसीलिए जारी किया जा रहा है जिससे भविष्य में आईएस आतंकी बलात्कार को अंजाम देने में शरियत कानून की हद को न लांघें।

अब शरियत कानून की हद में होंगे रेप, ISIS ने रेप को दी नई परिभाषा 1Image Source: http://static.abplive.in/

ISIS के फतवे में जारी बलात्कार के नए नियम
1. इन नियमों के मुताबिक आईएस आतंकी किसी महिला को गुलाम बनाने के बाद तब तक बलात्कार नहीं कर सकता है, जबतक उसकी कैद में एक बार उसका मासिक धर्म नहीं हो जाता और वह उससे स्वच्छ नहीं हो जाती।
2. वहीं अगर किसी गुलाम महिला का मासिक धर्म नहीं होता है और वह प्रेगनेंट पाई जाती है तो उसका बलात्कार उसकी डेलिवरी तक नहीं किया जा सकता है।
3. नए नियम में शरियत के मुताबिक गुलाम बनाई हुई प्रेगनेंट महिला का अबॉर्शन नहीं कराया जा सकता है।
4. आतंकी अपनी ही गुलाम बनाई हुई किसी महिला का बलात्कार कर सकता है और वह किसी अन्य आदमी को उसका बलात्कार करने की इजाजत नहीं दे सकता है।
5.अगर किसी आतंकी की गुलाम महिला की कोई बेटी है जिसकी उम्र संभोग करने के लिए उचित है तो इस स्थिति में वह आतंकी दोनों में से किसी एक का बलात्कार कर सकता है। दोनों का बलात्कार करना शरियत कानून के खिलाफ होगा लिहाजा ऐसी स्थिति में एक महिला उस आतंकी से दूर रखी जाएगी।
6. यदि कोई आतंकी दो सगी बहनों को गुलाम बनाता है तो ऐसी स्थिति में वह आतंकी सिर्फ एक ही बहन का बलात्कार कर सकता है। यदी वह दूसरी बहन का बलात्कार भी करना चाहता है तो उसे पहली बहन को या तो किसी अन्य को बेच देना होगा या फिर उसे अपनी गुलामी से मुक्त करना होगा।
7. कोई आतंकी पिता अपने पुत्र की गुलाम बनाई हुई महिला का बलात्कार नहीं कर सकता और इसका उल्टा बलात्कार भी शरीयत नियम के खिलाफ होगा। इसके साथ ही कोई आतंकी अपनी पत्नी की गुलाम बनी महिला का भी बलात्कार नहीं कर सकता है।
8. यदि कोई आतंकी पिता अपनी गुलाम महिला का बलात्कार करने के बाद उस महिला को अपने बेटे को दे दे या फिर बेटे को बेंच दे तो इस स्थिति में वह पिता आतंकी दुबारा उस गुलाम महिला का बलात्कार नहीं कर सकता है।

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9. यदि कोई गुलाम महिला किसी आतंकी के बलात्कार के बाद प्रेगनेंट हो जाती है तो उस महिला को वह आतंकी बेच नहीं सकता और वह उस आतंकी की मौत के बाद ही स्वतंत्र हो सकती है।
10. आजाद की हुई कोई भी महिला गुलाम के साथ उसका पूर्व स्वामी बलात्कार नहीं कर सकता है। क्योंकि स्वतंत्र होने के बाद वह गुलाम महिला उसकी संपत्ति नहीं रहेगी।
11. यदि दो या दो से ज्यादा आतंकी किसी महिला को खरीदकर गुलाम बनाते हैं तो उनमें से कोई भी उस महिला का बलात्कार नहीं कर सकता क्योंकि वह उन सभी की साझा संपत्ति है।
12. किसी भी गुलाम महिला का बलात्कार उसके मासिक धर्म के दौरान नहीं किया जा सकता है।
13. किसी भी आतंकी को अपनी गुलाम महिला के साथ आप्राकृतिक संभोग करने की इजाजत नहीं है।
14. सभी आतंकियों को अपनी गुलाम महिलाओं के प्रति अच्छा आचरण करना होगा और वे उसकी बेइज्जती नहीं कर सकते। इसके साथ ही कोई आतंकी अपनी गुलाम महिला को कोई ऐसा काम करने के लिए नहीं कहेगा जो करने में वह सक्षम न हो।
15. कोई आतंकी किसी गुलाम महिला को ऐसे आतंकी को नहीं बेच सकता जिसके बारे में वह आश्वस्त है कि वह उस महिला के साथ बुरा बर्ताव करेगा या फिर ऐसा कुछ कर सकता है जिसकी अल्लाह ने इजाजत नहीं दी है।

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