वर्तमान में रमजान का पवित्र माह चल रहा है जिसमे मुस्लिम समाज के लोग रोजे रख कर अल्लाह की इबादत कर रहें है। जैसा कि आप जानते ही है कि मुस्लिम समाज में शराब और सूअर का मांस खाना हराम माना जाता है। मगर हाल में चीन से एक मीडिया रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक वहां रह रही मुस्लिम आबादी के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। दरअसल चीन में रह रहे मुस्लिम लोगों को शिक्षा देने के लिए वहां पर कैप चलाए जा रहे है।
मगर सच यह है कि इन कैंपो में शिक्षा के नाम पर मुस्लिम लोगों के धर्म के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां पर मौजूत मुसलमानों को जबरन शराब व सूअर के मीट का सेवन कराया जा रहा है। इस नर्क को जी रहे एक शख्स ऊमर बेकाली का ने बताया कि इन कैंपो में उन्हें बेहद घटिया क्वालिटी का खाना दिया जाता है। अगर वह कुछ अच्छा मांगते है तो उन्हें सजा दी जाती है। सजा के तौर पर उन्हें सूअर का मांस खिलाया जाता है और शराब पिलाई जाती है।
कजाखस्तान जाने पर दी सजा –
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इस कैंप में समय बिता चुके एक व्यक्ति कयारत समरकंद ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि वह इस नर्क नुमा जिंदगी को जी चुके है। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी वे अपने पड़ोसी देश कजाकिस्तान गए थे। इसी के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया और रीएजुकेशन कैंप भेजा गया। यहां पर उन्होंने 3 महीने बिताए।
लगवाते थे राष्ट्रपति की लंबी उम्र के नारे –
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समरकंद ने बताया कि इस कैंप में कोई आम शिक्षा नही दी जाती बल्कि लोगों को घंटो घंटो कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपगैंडा पढ़ाए जाते थे और उनका माइंड वॉश किया जाता था। कैंप में जितने भी मुस्लिम थे उनसे रोजाना राष्ट्रपित शी जिनपिंग की लंबी उम्र के नारे लगवाए जाते थे।
घंटों बांधते थे बेड़ियां में –
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कैंप जो कोई मुस्लमान नियमों की उलंघना करता था या फिर हुकम दराजी करता था, उन्हें 12-12 घंटे जंजीरों में बांध कर रखा जाता था। इतना ही नही प्रताड़ित करने के लिए सिक्योरिटी के लोग उनके मुंह को गंदे पानी में डुबा देते थे।
अधिकतर मुस्लिम हिरासत में –
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हाल ही में आई रिपोर्ट में बताया गया कि चीन में मौजूद अधिकतर मुसलमानों को इन रीएजुकेशन कैंप में गिरफ्तार किया गया है। एक आंकड़े के मुताबिक चीन में 1 करोड़ 10 लाख के करीब मुस्लिम अबादी बसती है और इनमे से अधिकतर इन कैंपो में है।