अपने देश में वैसे तो बहुत से लोग विकलांग हैं पर अपने यहां एक ऐसा स्थान भी है जहां आधे से ज्यादा आबादी विकलांग ही है। आपको यह बात शायद आश्चर्यचकित कर रही होगी पर असल में यह सच है। अपने देश का एक हिस्सा ऐसा है जहां पर निवास करने वाले आधे से ज्यादा लोग विकलांगता का जीवन जीने को मजबूर हैं। यह हिस्सा है छत्तीसगढ़ प्रदेश के जिला बीजापुर का। यहां की तहसील भोपालपट्टनम के अंतर्गत आने वाला गांव गेर्रागुड़ा एक ऐसा स्थान है जहां निवास करने वाले आधे से ज्यादा लोग विकलांगता का शिकार हैं।
पानी में है फ्लोराइड की अधिकता –
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आपको बता दें की यहां के भूगर्भीय जल में फ्लोराइड की अधिकता है। इसी कारण से यहां एक निवासी विकलांगता का शिकार होते जा रहें हैं। आलम यह है की यहां के 30 वर्ष के युवाओं को भी लाठी का सहारा लेकर चलना पड़ता है। पानी में फ्लोराइड ज्यादा होने के कारण यहां के लोग अब लाठी डंडे थामने को विवश हो चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने इस गांव में पीने के पानी की पूरी व्यवस्था की हुई है पर फिर भी लोग लगातार विकलांगता को प्राप्त होते जा रहें हैं। इसी कारण 30 वर्षीय युवा भी हड्डियों में विकृति के शिकार हो रहें हैं तथा उनके दांत भी रोगों का शिकार बनते जा रहें हैं। गांव के स्थानीय लोगों का कहना है की इस गांव में पीने के पानी की सही व्यवस्था करना प्रशासन का कार्य है पर यहां के कार्यों पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं देता।
अभी भी है पानी की समस्या –
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पीने के पानी की समस्या को देखते हुए पीएचई इंजिनियर ने गुल्लापेटा क्षेत्र में बोर किया था। इस बोर का पानी चैक किया गया तो फ्लोराइड की मात्रा 115 पीपीएम से ज्यादा पाई गई। यहां पर पंचायत मुख्यालय से एक पानी की लाइन के जरिये पानी को भेजा जा रहा था पर कभी कभी शरारती लोगों द्वारा पानी की लाइन से छेड़छाड़ कर दी जाती थी। इस प्रकार से पानी न आने पर आम लोग कुएं से ही पानी लेकर पी लेते हैं तथा संपन्न लोग ब्लॉक मुख्यालय से पानी भर कर लाते हैं। इस प्रकार से आज भी यहां रहने वाली आधी से ज्यादा आबादी विकलांग है।