भाईचारे और इंसानियत की मिसाल हैं मुहम्मद जहीर

0
390

हमारा देश अलग-अलग धर्मों का संगम है। यहां पर संसार के लगभग सभी धर्मों के लोग रहते हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी मानसिकता होती है और प्रत्येक मजहब का अपना एक अलग धार्मिक विश्वास। यदा-कदा इस प्रकार की मानसिकता भी समाज के सामने आ जाती है जो लोगों को जोड़ने के बजाय तोड़ती है, पर तभी इस प्रकार के कुछ लोग भी समाज से निकलते हैं जो अपने कार्यों से लोगों में भाईचारे और इंसानियत की नई रोशनी पैदा कर देते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बता रहे हैं जो जाति और मजहबों की दीवारों से बाहर निकल कर लोगों में इंसानियत और भाईचारे का पैगाम दे रहे हैं। इनका नाम है मुहम्मद जहीर और वह इंदौर जिले में रहते हैं। वर्तमान में वह ऐसा काम कर रहे हैं जिसके कारण सभी धर्मों और जाति के लोग उन्हें सलाम करते हैं।

क्या करते हैं मुहम्मद जहीर –

image1Image Source: http://s3.gazabpost.com/

मुहम्मद जहीर मस्जिद और मंदिर की देखभाल एकसाथ कर रहे हैं। जहीर कहते हैं कि “धर्म की बातों को लेकर लड़ने वाले बेवकूफ होते हैं। जब भगवान ने हम सबको एक बनाया है तो हम उसे कैसे बांट सकते हैं।” मंदिर में भगवान का श्रृंगार और मस्जिद में नमाज उनका रोज का नियम है।

खंडवा नामक स्थान मुहम्मद जहीर के घर से लगभग 20 किलोमीटर है। जहीर रोज़ इतनी दूरी तय करके खंडवा के शिव मंदिर पहुंचते हैं। वे 6 सालों से लगातार मंदिर की इस प्रकार देखभाल कर रहे हैं। सुबह वो मंदिर आते हैं और साफ़-सफाई के बाद मस्जिद का काम करने निकल जाते हैं। जहीर के इस सेवा भाव ने देश में भाईचारे और प्रेम की मिसाल कायम की है।

image2Image Source: http://s3.gazabpost.com/

हमें आजाद हुए 68 साल हो गए हैं और इस दौरान हम लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़े हैं, पर आज भी जब सकारात्मक मानसिकता की बात आती है तो “टोपी और भगवे” से आगे हमारी सोच जा ही नहीं पाती। अपने कार्यों से मुहम्मद जहीर के किये कार्य आज पूरे देश से एक सवाल पूछ रहे हैं कि क्या हम जाति और मजहब के नाम पर लड़ने के लिए ही आजादी की लड़ाई में एक साथ खड़े हुये थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here