“अच्छे दिन आने वाले हैं, क्योंकि मोदी जी आने वाले हैं” आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बना ये नारा जरूर सुना होगा। अब मोदी जी तो आ गये, लेकिन क्या जनता को सच में लगता है कि अच्छे दिन आए हैं। पीएम मोदी एक तरफ गुड गवर्नेस के लिए जी जान से जुटे हैं तो वहीं कामचोर और निकम्मे अफसरों ने मोदी सरकार की नाक में दम कर रखा है। जिसके चलते आपको बता दें कि मोदी सरकार ने एकसाथ 33 अधिकारियों को वक्त से पहले रिटायर करने का फरमान सुना दिया है। पीएम मोदी को काफी लंबे वक्त से इन अधिकारियों को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थी। जिसके चलते मोदी सरकार ने ये कदम उठाया है।
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मोदी सरकार का साफ कहना है कि अगर अधिकारियों को नौकरी में रहना है तो काम जरूर करना होगा। कामचोर अधिकारियों की इस सरकार को कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि यह सभी अफसर केन्द्र सरकार के राजस्व विभाग के हैं जो अपने काम में कामचोरी और मनमानी कर रहे थे। नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता की कमान मिले करीब दो साल होने वाले हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की अब तक 72 अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई के बाद उन्हें केन्द्र सरकार बर्खास्त कर चुकी है। वहीं अबकी बार यह पहला मौका है कि एक साथ 33 अधिकारियों पर एक साथ कार्रवाई की गई है। जिससे ब्यूरोक्रेसी में काफी हड़कंप मचा हुआ है। अब तक आप भी समझ गये होंगे कि 105 अधिकारियों पर पीएम मोदी का डंडा चल चुका है। ये वन रैंक के अधिकारी हैं और इनकी उम्र 50 से ज्यादा ही है।
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ऐसे में इन अफसरों पर कार्रवाई कर मोदी सरकार ने ये साबित कर दिया है कि उन्हें सिर्फ तेज तर्रार अधिकारी ही चाहिए। जैसा कि हम बता चुके हैं कि पीएम मोदी को कई विभागों के ढुलमुल रवैये और जनता को परेशान करने को लेकर शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद पीएम मोदी ने जनवरी में ‘प्रगति बातचीत’ नामक बैठक बुलाई थी। जिसमें सभी विभागों के सचिवों ने शिरकत की। इन्हें पीएम मोदी ने आदेश दिया कि जो अधिकारी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं उनकी एक सूची तैयार की जाए और ऐसे अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। जिसका नतीजा आज सबके सामने है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि पीएम मोदी अगर ऐसे ही अधिकारियों पर सख्ती से रहे तो एक दिन जनता के लिए अच्छे दिन जरूर आ जाएंगे।