सुख-संपत्ति के साथ धन को भी बढ़ाते हैं ये चमत्कारी उपाय

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धन कमाना तब ही सफल होता है जब वह आपके घर में सुख-संपत्ति को बढ़ाता हो, इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय बता रहें हैं जो आपके घर में धन और सुख-संपत्ति को बढ़ाएंगे। जी हां, हम आपको कुछ विशेष उपाय बताने जा रहें हैं, जो आपके घर में सुख संपत्ति और धन को बढ़ाएंगे। आज के समय में हर व्यक्ति पैसा कमाने के लिए लगातार दौड़ भाग कर रहा है और ऐसे में वह न तो अपने संबंधों को सही से निभा पाता है और न ही अपने घर को सुचारू रूप से चला पाता है। इस प्रकार की परिस्थिति में व्यक्ति के पास पैसा तो आता है, पर वह सामाजिक रूप से निर्धन हो जाता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको काफी मेहनत करने के बाद भी पैसे की कमी रहती है, इस प्रकार का व्यक्ति मेहनत करने के बाद भी निर्धन ही रह जाता है। इस प्रकार से दोनों ही प्रकार के लोग परेशान रहते हैं, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे सरल तथा विशेष उपाय बता रहें हैं, जो आपको ये दोनों ही प्रकार की समस्याओं को हल कर देंगे, तो आइए जानते हैं इन उपायों को।

धनImage Source:

1. मुख्य द्वार पर दीया लगाएं

धन प्राप्त करने के लिए आप अपने घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीया प्रतिदिन जलाएं। जब यह दीया बुझ जाएं तो बचे तेल को पीपल के पेड़ के पास डाल आएं। इस प्रयोग से आपकी धन की समस्या हल होती है।

2. तुलसी-

आप अपने घर में सुख-संपत्ति और शांति चाहती हैं, तो आप अपने घर के किसी भी भाग में तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। इस उपाय से आपके घर में सुख-संपत्ति बनी रहती है।

3. पूजा स्थल में दीया लगाएं-

इसके अलावा आप जब अपने पूजन स्थल में दीपक जलाते हैं, तो उसमें कलावे का छोटा सा टुकड़ा अवश्य डाल दें। इस उपाय से भी आपके घर में शांति बनी रहती है।

4. उपले का प्रयोग-

मंगलवार के दिन आप उपले पर थोड़ा सा लोबान रख कर अवश्य जलाएं और इसको अपने घर में चारों और घुमा दें। इससे आपके घर को कलह, झगड़े तथा नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

5. वेतन का हिस्सा मंदिर में रखें-

जब भी आपको सेलरी मिलें, तब आप कुछ पैसे निकाल कर पूजा में अवश्य रखें और जरूरतमंद को दान अवश्य दें।

इन सरल उपायों को यदि आप अपने जीवन में अपनाते हैं तो आपके जीवन में हमेशा आनंद और और खुशी का माहौल बना रहता है और आपको कभी धन की कमी नहीं होती है।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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