सभी लोग सामान्यतः यही मानते हैं कि भगवान शिव के 2 ही बेटे हैं पर असल में उनके 3 बेटे हैं। आज हम आपको उनके इस तीसरे बेटे तथा उसके मंदिर के बारे में जानकारी दे रहें हैं।
भगवान विष्णु से उत्पन्न हुआ था शिव जी का यह पुत्र –
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भगवान शिव इस के तीसरे पुत्र की पौराणिक कथा उस समय से शुरू होती हैं जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इस घटना के बाद महिषासुर की बहन महिषि बहुत परेशान रहती थी। उसने ब्रह्मदेव की तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया और उनसे वरदान प्राप्त किया। जिसके बाद महिषी ने भी अपने भाई के ही समान लोगों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।
मनुष्यों को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लिया। कथाओं के मुताबिक भगवन विष्णु के मोहिनी रूप से भगवान शिव भी रीझ गए और इन दोनों के मिलन से एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम “अय्यप्पन” रखा गया। इस पुत्र को पंडलम नामक एक राजा ने गोद ले लिया और उसका पालन पोषण किया। बाद में अय्यप्पन ने ही बड़ा होकर महिषासुर की बहन महिषि का वध किया।
केरल में हैं एकमात्र मंदिर –
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अय्यप्पन देवता का मंदिर भारत के केरल प्रदेश में स्थित हैं। वहां इस मंदिर की बहुत मान्यता हैं। वर्ष भर में लाखों लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर केरल के सबरीमाला क्षेत्र में हैं। इस मंदिर का नाम “अयप्पा मंदिर” हैं। इस मंदिर की सीढ़ियां सोने की बनाई गई हैं। बहुत से लोग इस मंदिर की यात्रा भी करते हैं जो नवम्बर से शुरू होकर जनवरी तक चलती हैं। मंदिर की इस यात्रा में घने जंगलों से होकर गुजरा जाता हैं। केरल में इस यात्रा को काफी बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं।