जन्मदिन स्पेशल – विश्व का इकलौता मंदिर, जहां होती है अमिताभ बच्चन की पूजा

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बहुत कम लोग जानते हैं कि कल यानी 11 अक्टूबर को अमिताभ का बर्थ डे है और यह उनका 74 वां जन्मदिवस है, देखा जाएं तो इन 74 सालों के भीतर अमिताभ बच्चन के ऊपर काफी कुछ लिखा गया पर उनके कोलकाता में पहली नौकरी से लेकर मुम्बई में पहली फिल्म के बीच के समय को बहुत कम लोगों को पता है और वहीं यह समय था जिसको उनके जीवन का सबसे स्ट्रगलिंग समय कह सकते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको जानकारी दे रहें हैं अमिताभ बच्चन के लिए बने उनके ही एक मंदिर के बारे में, जो की कोलकाता में स्थित है। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में।

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अमिताभ बच्चा का मंदिर –
अमिताभ बच्चन का यह मंदिर आपको कोलकाता की श्रीधर राय नामक रोड पर बना है। यह काफी फेमस मंदिर है, जहां पर काफी लोग आते हैं यहां तक की देश-विदेश से भी लोग इसको देखने के लिए आते हैं। इस मंदिर का निर्माण 2001 में अमिताभ के एक फैन संजय पटौदिया ने कराया था। 2001 में ही संजय पटौदिया की रिक्वेस्ट पर अमिताभ बच्चन ने अपने जूते और कुर्सी संजय को मुम्बई से भेजी थी।

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उस समय से ही इस मंदिर में अमिताभ के सफेद जूतों और उनकी कुर्सी पर रखी फोटों की पूजा होती है। इस मंदिर में आपको अमिताभ बच्चन का गुणगान करने वाली चालीसा भी पढ़ने को मिलती है और अमिताभ बच्चन का एक मंत्र भी है, ये दोनों चीजे संजय पटौदिया ने खुद ही तैयार की हैं, वे इस बारे में कहते हैं कि “अमिताभ हमारे भगवान हैं। हमने पूरी श्रद्धा के साथ उनकी 9 पन्ने की अमिताभ चालीसा और आरती गीत भी बनाया है। 79 लाइन की इस चालीसा में दोहे और चौपाई के साथ बिग बी की उपलब्धियों और संघर्ष की बात लिखी है।” संजय ‘अमिताभ नम:’ नाम का संकट मिटाने वाला मंत्र भी बनाया है। इस मंदिर के निर्माणकर्ता संजय पटौदिया साल में दो बार अमिताभ बच्चन की यात्रा भी निकालते हैं पहली तीर्थ यात्रा 11 नवंबर यानी अमिताभ के जन्मदिन पर और दूसरी यात्रा 2 अगस्त के दिन निकाली जाती है, जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह वह तारीख है जब “कुली” मूवी के दौरान घायल अमिताभ बच्चन सही होकर अपने घर को आये थे, ये दोनों यात्राएं संजय पटौदिया कोलकाता से अमिताभ के मुम्बई वाले घर तक निकालते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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