राजनीतिक माहौल में उस समय उथल-पुथल शुरू हो गई जब मुफ़्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु पर शोक जाहिर करने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी महबूबा मुफ़्ती के घर पहुंचीं। सोनिया गांधी ने महबूबा मुफ़्ती से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस बात की चर्चा ना सिर्फ बीजेपी में बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर में है। लोग इस बात से यह अंदाजा लगा रहे हैं कि शायद पीडीपी और कांग्रेस के बीच नज़दीकियां बढ़ रही हैं।
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सब यह बात जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल बीजीपी और पीडीपी की मिलीजुली सरकार है। जिस समय 2014 में इलेक्शन हुए थे उस समय कोई भी सरकार इस राज्य में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर पाई थी। तब पीडीपी को कश्मीर में और बीजेपी को जम्मू में सबसे ज्यादा सीटें मिली थी। जिसके बाद दोनों पार्टियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सरकार बनाई थी, लेकिन दोनों पार्टियों के काम करने के तरीके में काफी अंतर है। इतना ही नहीं पीडीपी और बीजेपी की विचारधारा में भी काफी अंतर है।
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इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महबूबा मुफ़्ती की इस मुलाकात से कई राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि राज्य में पीडीपी, बीजेपी के गठबंधन के अतिरिक्त नए राजनैतिक बदलाव भी हो सकते हैं।
मुफ़्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद राज्य में कैसा राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिलेगा यह तो समय आने पर ही पता चलेगा। फिलहाल अभी बीजेपी के मुताबिक पीडीपी और बीजेपी का यह गठबंधन ऐसे ही बना रहेगा।