आसमान से गिरे और खजूर में अटके…यह बात अगर आपकी हर दिल अजीज़ मैगी को लेकर कही जाए तो गलत नहीं होगा। सेहत और स्वाद के झमेले में फंसी मैगी को मुसीबतों के बादलों ने इस कदर घेर रखा है कि वह छंटने का नाम ही नहीं ही ले रहे हैं। मैगी पर से एक मुसीबत पूरी तरह हटती नहीं है कि दूसरी मुसीबत उसका रास्ता रोके पहले ही तैयार रहती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर अब आप सबकी प्यारी मैगी के साथ क्या हो गया तो आपको बता दें कि बॉम्बे हाइकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद मैगी ने बाजारों में धीरे-धीरे दोबारा वापसी करनी शुरू कर दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने मैसूर लैब को आठ हफ्तों में मैगी के सैंपलों की जांच करने का निर्देश दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश में मैसूर लैब को मैगी में पाए जाने वाले लेड और एमएसजी की मात्रा को दोबारा पता लगाना है कि आखिर अब मैगी में इन चीजों की कितनी मात्रा है। जिसके बाद मैसूर लैब को आठ हफ्तों के अंदर अपनी ये जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी होगी। बहरहाल इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 अप्रैल को होगी।
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जैसा कि आप सबको पता है कि कोर्ट में एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मैगी ने बाजारों में दोबारा से एंट्री की है। ऐसे में मैगी पर इस तरीके से फिर मुसीबतों का आना मैगी लवर्स को धक्का पहुंचा सकता है, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मैगी बेशक बच्चों से लेकर युवाओं तक की पहली पसंद हो, पर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसके लिए मैगी को इस अग्निपरिक्षा को भी पास करना ही होगा।
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बता दें कि मैसूर लैब में मैगी के ताजा नमूनों के एसएसजी और लेड की जांच एनसीडीआरसी की निगरानी में होगी। जिसके बाद आठ हफ्तों के अंदर लैब सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।