अभी हालही की घटना है कि गुड़गांव की एक लड़की ने सिर्फ इसलिए अपनी शादी का रिश्ता तोड़ दिया क्योंकि वह चाहती थी कि शादी के बाद भी उसका कुत्ता उसके साथ रहें, लेकिन लड़की का होने वाला पति यह नहीं चाहता था, परिणाम यह हुआ कि रिश्ता टूट गया, पर सवाल यह उठता है कि क्या आज भी कुत्तों के प्रति मानव का प्रेम बढ़ता जा रहा है? यदि वाकई ऐसा है तो “धरम पाजी” अब अपना वो फेवरेट डायलॉग शायद नहीं बोल पाएंगे।
Image Source:
यदि सही से देखा जाये तो कुत्ते और इंसान का प्रेम द्वापर युग से चला आ रहा है, शायद आपने युधिष्ठिर और कुत्ते वाला महाभारत का अंतिम किस्सा नहीं सुना है तो आइये आज हम उसके बारे में आपको कुछ बता देतें हैं। महाभारत के अंतिम भाग में यह वर्णन किया गया है कि युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव और द्रौपदी जब अंत में सब कुछ छोड़कर शांति की तलाश में स्वर्ग की ओर जा रहें थे तब उनको एक कुत्ता मिला और वह भी उनके साथ में हो स्वर्ग चला गया।
Image Source:
रास्ते में धीरे-धीरे सब लोग मर गए और अंत में युधिष्ठिर और वह कुत्ता बचा और जब स्वर्ग से देवराज इंद्र आये तो उन्होंने युधिष्ठिर से रथ पर बैठने को कहा पर युधिष्ठिर ने इंद्र से कहा कि यह कुत्ता भी मेरे साथ जायेगा तभी इंद्र ने कहा कि इस कुत्ते का वहां कोई महत्त्व नहीं है और यह वहां नहीं जा सकता तब युधिष्ठिर ने कहा कि तब मैं भी स्वर्ग नही जाऊंगा क्योंकि इस कुत्ते ने मेरा हमेशा साथ दिया, यह हर समय मेरे साथ रहा और यह मेरा विश्वासपात्र है। अतः यदि यह साथ नहीं जाएगा तो मैं भी नहीं जा सकता। इसके बाद में जब वापस जाने के लिए युधिष्ठिर पीछे मुड़े तो कुत्ता गायब था इसके बाद में युधिष्ठिर को पता लगा कि धर्मराज उनकी परीक्षा ले रहें थे। इसका मतलब यह नहीं है दोस्तों की कुत्ता आपको स्वर्ग में पंहुचा देगा, यहां बात है स्नेह, विश्वास और प्रेम की जो आज भी लोगों में बना हुआ है।