केंद्र सरकार की सीएफएल बल्ब की जगह एलईडी बल्ब देने की मुहिम अब जोर पकड़ने लगी है। अभी तक जितने भी एलईडी बल्ब बाटे जा चुके हैं उनसे 2.9 करोड़ की बचत रोज हो रही है। सरकारी आकड़ों की मानें तो एलईडी योजनाओं से प्रतिदिन 73 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना से वर्ष 2018 तक 77 करोड़ लोगों को लाभांवित करने की योजना है। भारत की कुछ बड़ी कंपनियां देश में ही तेजी से एलईडी बल्ब बना रही हैं। इससे पता लगता है के मोदी सरकार की यह योजना किस गति से आगे बढ़ रही है।
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राज्यों में बांटे गए एलईडी बल्बों पर एक नजरः
* आंध्र प्रदेश -65 लाख
* उत्तर प्रदेश -33 लाख
* महाराष्ट्र -23 .9 लाख
* राजस्थान -29 .5 लाख
* दिल्ली -34 लाख
वहीं, अगर जिलों की बात करें तो आंध्र प्रदेश का गुंटूर जिला 18.6 लाख एलईडी बल्बों के आंकड़े के साथ सबसे ऊपर है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को 4 एलईडी बल्ब दिए गए। देश के आम आदमी के लिए सबसे बड़ी बात यह रही कि जिस बल्ब की कीमत बाजार में 400 रूपए है उसे 99 रूपए में दिया गया।
ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल का कहना है कि इस स्कीम से लोगोंको बहुत फायदा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सरकार अब 10 करोड़ नए बल्ब ऑर्डर करेगी।