सिर्फ 2 मिनिट पर बनने वाली मैगी आपके शरीर के लिये कितनी स्वास्थ्यप्रद है? क्या आप जानते है? हर घरों की सबसे पसंदीदा मैगी अब आपके शरीर के लिये बन सकती है जहर। यदि आप अपने बच्चे कि जिज्ञासा पूरी करने के लिये हर रोज भूंख लगने पर मैगी देती है तो आप अपने बच्चे को दे रही है एक स्लो पॉवइजन जो कर सकता है पूरे शरीर को विकलांग। जानें मैगी के दुष्प्रभाव के बारें में..
मिली जानकारी के अनुसार मैगी नूडल्स में मिली लेड की अधिकता ने सभी को उस समय हैरान कर दिया जब सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए नेस्ले से सवाल खड़ा कर दिया। कि ‘हम लोग लेड वाली मैगी क्यों खाएं?’ इसके बाद कोर्ट ने सरकार द्वारा नेस्ले इंडिया के खिलाफ सख्ती बरतते हुये NCDRC (राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग) में किए गए केस की कार्यवाही शुरू करने की इजाजत दे दी।
गौरतलब है कि साल 2015 में देश के कई राज्यों से मैगी के सैंपल मंगाये गए थे और जिसमें लेड की मात्रा अधिक होने की बात सामने आई थी। (सीएफटीआरआई) के द्वारा की गई जांच के बाद मैगी में लेड की मात्रा अधिक पाई गई थी। जिसके बाद से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नेस्ले के खिलाफ मैगी नूडल्स के झूठे लेबल और कारोबार के गलत तौर-तरीके का उपयोग करके उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने की शिकायत की थी।
जानकारी के लिये बता दे, कि मैगी में मिलाये जाने वाला लेड यानी सीसा मनुष्य के शरीर के के अंदर ज़हर फैलाने का काम करता है। इसका सेवन करने से ना केवल हार्ट में बल्कि शरीर के अन्य अंगों में इसके दुष्परिणांम देखे जा सकते है। मैगी का ये जहरीला प्रभाव बच्चों के लिये काफी घातक असर डाल सकता है क्योकि छोटे बच्चे का शारीरिक विकास 5 वर्ष की उम्र के दौरान ज्यादा तेजी से होता है। और उस समय उनके विकास के लिये सही पोषण की बहुत जरूरत होती है। मैगी का सेवन करने से इसमें पाई जाने वाली सीसे की अधिकता से शरीर के विकास के साथ दिमाग का विकास भी रूक जाता है। इसलिये ये मैगी आपके बच्चे के शीरर के लिये काफी खतरनाक होती है।
लेड के इस्तेमाल से बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा होने का साथ उनके दिमाग पर बुरा असर होता है इसके सेवन से बच्चों में बोलने की दिक्कत और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां सामने आती हैं। इसके साथ ही हड्डियों और मांसपेशियों की ग्रोथ भी काम करना बंद कर देती है। बच्चों के साथ बड़ों के लिए भी लेड काफी खतरनाक है। ये पुरुषों और महिलाओं में बांझपन की समस्या पैदा करता है और किडनी, हाई ब्लड प्रेशर, पाचन समस्या भी बढ़ाता है।
सरकार ने नेस्ले के खिलाफ मैगी नूडल्स के झूठे लेबल और गलत तौर-तरीके का विज्ञापन देकर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 640 करोड़ रु। हर्जाना मांग रखा है।