आपने अक्सर कई बार चिप्स का पैकेट खरीद खाया होगा, मगर शायद कभी यह गौर नही किया होगा कि चिप्स के पैकेट में हमेशा काफी मात्रा में हवा भरी होती है। क्या जानते है कि आखिर ये हवा क्यों भरी जाती है। आज हम आपको इस रोचक तथ्य से रुबरु करा रहें हैं। इस बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं कि हवा भरने का कारण क्या होता है, जो लोग इस बारे में कुछ जानते भी हैं वे समझते हैं कि इन पैकटों में आक्सीजन गैस भरी होती है पर असल में ऐसा है नहीं। हम आपको बता दें कि चिप्स के पैकेटों में आक्सीजन नहीं बल्कि “नाइट्रोजन” गैस भरी होती है। पैकिटों में नाइट्रोजन गैस भरे जाने के पीछे 3 अलग अलग थ्योरी बताई जाती है। आइये जानते हैं इन तीनों थ्योरीयों के बारे में।
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पहली थ्योरी
माना जाता है कि पैकेट में चिप्स को टूटने से बचाने के लिए उनमें हवा भरी जाती है। लोगों का कहना है कि यदि पैकेटों में हवा नहीं रहेगी तो वे हाथ लगने या किसी अन्य झटके से टूट सकते हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए चिप्स के पैकेटों में हवा भरी जाती है।
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दूसरी थ्योरी
आक्सीजन एक ऐसी गैस होती है जो जल्दी की रिएक्टिव हो जाती है। इससे पैकेट के अंदर बैक्टीरिया पनप सकते हैं तथा चिप्स सील भी सकते हैं। अतः आक्सीजन के स्थान पर नाइट्रोजन गैस भरी जाती है। 1994 इसके ऊपर रिसर्च भी की गई थी जिसमें पाया गया कि नाइट्रोजन गैस ज्यादा समय तक चिप्स को क्रिप्सी बनाएं रखती है।
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तीसरी थ्योरी
यह बात मानवीय प्रवत्ति से जुड़ी हुई है। असल में जब कोई हवा भरा पैकेट खरीदता है तो उसको लगता है कि वह एयर टाइट पैकेट खरीद रहा है, जोकि बिलकुल सुरक्षित है। इससे पैकेट भी बड़ा दिखाई पड़ता है इसलिए ग्राहक सोचता है कि इसमें ज्यादा चिप्स होंगे।
