हिंदू धर्म में बहुत से ऐसे कर्मकांड तथा रिवाज हैं, जिनका पालन समय समय पर करना आवश्यक माना जाता है। इसी क्रम में आज हम आपको अंतिम संस्कार के समय किये जाने वाले रिवाजो के पीछे की धारणा तथा महत्त्व के बारे में यहां बताने जा रहें हैं। इन चीजों को आपको जानना बेहद जरुरी है ताकि भविष्य में इस प्रकार के रिवाज देखते समय आप के मन में किसी प्रकार का प्रश्न न उठे। आइये जानते हैं अंतिम संस्कार के समय किये जानें वाले रिवाजों के पीछे के महत्त्व तथा धारणा के बारे में।
1 – आखिर शव को क्यों जलाया जाता है
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हिंदू धर्म में शव को जलाने का रिवाज है। इसके पीछे दो कारण है। पहला कारण है कि मानव शरीर प्रकृति के पांच तत्वों से बना है। अतः जलने के बाद शरीर सभी पांच तत्वों में विलीन हो जाता है। दूसरा कारण है कि मानव के शव को भूमि में गाड़ने से भूमि खराब होती है, साथ ही इससे आसपास के वातावरण में संक्रमण फैलने का भी डर रहता है, ऐसे में शव को जलाना उचित विकल्प है।
2 – मृतक की राख को नदी में क्यों किया जाता है प्रवाहित
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इसके पीछे धार्मिक धारणा है। गरुड़ पुराण में इस बात के उत्तर स्वरुप बताया गया है कि मृतक की राख को यदि किसी पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाता है तो मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा करने से मृतक के शरीर का जल तत्व में विलीन हो जाता है और बाकी के चार तत्वों में पहले ही विलीन हो चुका होता हैं। अतः सभी तत्वों में विलीन होने के कारण मृतक की आत्मा को शांति तथा मुक्ति मिल जाती है।
3 – मृतक का सिर चिता में दक्षिण दिशा में ही क्यों रखा जाता है
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हिंदू धर्म में जब कोई व्यक्ति मर जाता है। तो चिता पर उसका सिर दक्षिण दिशा में करके ही लिटाया जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक मान्यता है। असल में जब व्यक्ति के प्राण निकलते हैं तो उसका सिर उत्तर दिशा में कर दिया जाता है ताकि गुरुत्वाकर्षण के कारण मरने वाले के प्राण आसानी से निकल जाएं। जब व्यक्ति को चिता पर लिटाया जाता है तो उसका सिर दक्षिण दिशा में कर दिया जाता है। असल में मान्यता है कि दक्षिण दिशा यमराज की है। अतः उस दिशा में व्यक्ति को लिटा कर उसको यमराज को समर्पित किया जाता है।
4 – सूर्यास्त के बाद क्यों नहीं करते अंतिम संस्कार
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सूर्यास्त के बाद मृतक का अंतिम संस्कार हिंदू धर्म में नहीं किया जाता है। मान्यता यह है कि ऐसा करने से मृतक को परलोक में कई कष्ट झेलने पड़ते हैं। बाद में जब उसका जन्म होता भी है तो उसके शरीर का कोई न कोई अंग खराब होता है।